Published On : Wed, Sep 11th, 2024
By Nagpur Today Nagpur News

गोंदिया में सियासी हलचल: महाविकास आघाड़ी में कौन जीतेगा ” टिकट ” की जंग ?

दो पूर्व विधायकों को घर वापसी पर कोई एतराज नहीं , लेकिन जनता इसे पार्टी विश्वासघात की संज्ञा दे रही
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गोंदिया। महाराष्ट्र में 288 सदस्यों वाली विधानसभा के लिए नवंबर में चुनाव होने की संभावना है लेकिन उससे पहले गोंदिया विधानसभा सीट की उम्मीदवारी को लेकर राजनीति चरम पर है।

यहां महाविकास आघाड़ी और महायुती दोनों गठबंधन पूरी ताकत के साथ चुनावी रणभूमि में उतरने के लिए तैयार है।

महाविकास आघाड़ी में उद्धव ठाकरे के नेतृत्व वाली शिवसेना और शरद पवार के नेतृत्व वाली राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी और कांग्रेस शामिल है जबकि दूसरी तरफ सत्ताधारी महायुती गठबंधन में शामिल एनसीपी (अजीत गुट ) भाजपा और शिवसेना ( शिंदे गुट ) शामिल है।

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गोंदिया सीट का बदला सियासी समीकरण , त्रिकोणीय मुकाबले की संभावना

प्रफुल्ल पटेल के गृह क्षेत्र गोंदिया भंडारा जिले की सियासत महाविकास आघाडी और महायुति गठबंधन के कारण बदली नजर आ रही है।
पूर्व विधायक रमेशभाऊ कुथे और पूर्व विधायक गोपालदास अग्रवाल जैसे नेता जो 2019 से 2024 के लोकसभा चुनाव तक बीजेपी के साथ खड़े थे वे अब महाविकास आघाड़ी के लिए प्रचार कर रहे हैं ताकि जीत के लिए राह आसान हो सके।

कहते हैं जब लड़ाई दो सियासी दुश्मनों के बीच हो तो संघर्ष कड़ा होता है लेकिन जब दुश्मन ही हाथ मिला लें तो किस बात का संघर्ष ?
दोनों नेताओं के साथ आने से ऐसे में महाविकास आघाड़ी के लिए जीत की राह आसान हो सकती है ऐसा एमवीए कार्यकर्ता मानते हैं ।
बताते चलें कि गोपालदास अग्रवाल ( कांग्रेस- पंजा ) और रमेशभाऊ कुथे ( शिवसेना- धनुष बाण ) के बीच पिछले चुनावों में आमने-सामने की कड़ी टक्कर गोंदिया विधानसभा क्षेत्र में देखी गई थी। ऐसे में अब दोनों ही महाविकास आघाड़ी में शामिल हो गए हैं जिससे नवंबर में होने वाला विधानसभा चुनाव रोचक हो सकता है जो भाजपा और निर्दलीय का खेल बिगाड़ भी सकता है।

आखरी घड़ी में नेताओं के पाला बदलने से वोटर नाराज़
2019 का चुनाव कौन भूल सकता है जब कांग्रेस का टिकट जेब में होने के बावजूद गोपालदास अग्रवाल ने मंत्री पद की लालसा में भाजपा ज्वाइन कर ली थी , आखिरी वक्त में पाला बदलने से राजनीतिक नुकसान पूर्व विधायक गोपालदास अग्रवाल 2019 में उठा चुके हैं।

अब फिर से उन्होंने कांग्रेस में घर वापसी की है तथा 13 सितंबर को वे विधिवत पार्टी प्रवेश करेंगे।

बता दें कि इन नेताओं और विधायकों को चुनाव से ठीक पहले ” घर वापसी ” पर कोई एतराज नहीं लेकिन जनता इसे पार्टी विश्वासघात की संज्ञा दे रही है , मतलब साफ है कि दलबदलुओं को जनता तरजीह नहीं देगी और वोटर को चुनावी मौसम में घर वापसी पर ऐतराज है क्योंकि यहां का मतदाता महाराष्ट्र के मौजूदा राजनीति की तस्वीर देखकर खुद को ठगा सा महसूस कर रहा है।

देखना दिलचस्प होगा महाविकास अघाड़ी गठबंधन में गोंदिया विधानसभा का टिकट कांग्रेस के खाते मे जाता है या फिर शिवसेना उद्धव ठाकरे गुट का उम्मीदवार ही इस मैदान से चुनाव लड़ेगा।

महाविकास अघाड़ी गठबंधन होने से गोपालदास अग्रवाल और रमेश भाऊ कुथे में से टिकट किसी एक को मिलेगा , ऐसे में दोनों ही पार्टियों के कार्यकर्ता क्या गठबंधन धर्म निभाएंगे ? और मतदाता को घर से निकाल कर पोलिंग बूथ तक पहुंचाऐंगे यह भी देखने वाली बात होगी ।

रवि आर्य