पूरे मध्य भारत में 100 लिवर ट्रांसप्लांट सर्जरी करने वाला यह एकमात्र हॉस्पिटल है.
मध्य भारत में लिवर ट्रांसप्लांट की शुरुआत वर्ष 2018 में न्यू ईरा हॉस्पिटल में हुई थी जब डॉ राहुल सक्सेना की टीम ने 22 मार्च 2018 को पहला ऑपरेशन किया था. इस ऑपरेशन में एक मेंदु- मृत डोनर द्वारा लिवर डोनेशन किया गया था. उसके बाद उसी साल इस क्षेत्र का पहला लाइव डोनर लिवर ट्रांसप्लांट (जीवित व्यक्ति द्वारा लिवर डोनेशन) और पहला लिवर-किड्नी ट्रांसप्लांट किया गया. 2019 में पहला पीडीऐट्रिक लिवर ट्रांसप्लांट भी किया गया.
डॉ आनंद संचेती, डायरेक्टर ने बताया “न्यू ईरा हॉस्पिटल में लिवर ट्रांसप्लांट का अब तक का सफलता दर 84 प्रतिशत और पिछले दो साल का सफलता दर 90 प्रतिशत है जो देश में अन्य बड़े हॉस्पिटलों के बराबर है. चूँकि अब ये ऑपरेशन सफलतापूर्वक नागपुर में हो पा रहा है इसलिए इस क्षेत्र के ज़्यादातर मरीज़ बाहर जाने की बजाय हमारे पास ही अपना इलाज़ करवाने के लिए आ रहे हैं”
डॉ राहुल सक्सेना, लिवर ट्रांसप्लांट सर्जन, न्यू ईरा हॉस्पिटल ने बताया “ लिवर सिरोसिस के मरीज़ सबसे ज़्यादा बीमार होते हैं और उन्हें ठीक करने के लिए हॉस्पिटल में 24 x 7 मौजूद एक्स्पर्ट टीम की आवशयकता होती है. हमारे हॉस्पिटल की लिवर टीम ने पिछले 5 साल से इस काम में महारथ हासिल की है और इसी वजह से हमारा इस ऑपरेशन का सफलता दर इतना अच्छा है”
डॉ निलेश अग्रवाल, डायरेक्टर ने बताया “लाइव डोनर से लिवर का एक भाग निकाल कर मरीज़ में प्रत्यारोपित करना एक जटिल सर्जरी है और न्यू ईरा हॉस्पिटल महीने में तक़रीबन पाँच ऐसी सर्जरी कर पा रहा है “
न्यू ईरा हॉस्पिटल की लिवर ट्रांसप्लांट टीम में डॉ राहुल सक्सेना, डॉ शशांक वंजारी, डॉ सागर चोपड़े, डॉ साहिल बँसल, डॉ निमिशा मृणाल, डॉ नितिन देओते, डॉ अमन ज़ुल्लुरवार, डॉ जितेश आतराम, डॉ अश्विनी तायड़े, डॉ संदीप धूत, डॉ पंकज जवंधिया और डॉ पूजा जाधव शामिल हैं.