गोंदिया। बहराणा साहब निकालने की सिंधी समाज की एक प्राचीनतम परंपरा रही है।
सिंधी हिंदुओं के संरक्षण देवता और भगवान वरुण के अवतार इष्ट देव श्री झूलेलाल साईं के सम्मान में आस्था संस्कृति और विरासत का उत्सव गोंदिया में धूमधाम से मनाया गया।
जल ज्योति वरुण अवतार के 551 सामूहिक बहराणा साहब की अमर धाम आश्रम चकरभाटा से पधारे संत लाल साईं जी के सानिध्य में ओम ज्योति स्वरूपाय नमः , ओम श्री वरुण देवाय नमः के जाप के साथ गोंदिया के इतिहास में पहली बार सामूहिक बहराणा पूजन किया गया। फल नारियल बताशा फुल मोदक के साथ सजी थाली में प्रत्येक श्रद्धालुओं द्वारा ज्योति प्रज्वलित की गई तथा अगरबत्ती का वास कर उपस्थित भक्तों ने सच्ची श्रद्धा के साथ इष्टदेव से यही आराधना की के आर्थिक तकलीफें दूर हो , जीवन में सदैव सुख समृद्धि शांति बनी रहे हमारी मनोकामनाएं पूर्ण हों।
अपने आराध्य देव साईं झूलेलाल जी की पूजन विधि पश्चात कलश शोभा यात्रा निकाली गई जो सिंधी कॉलोनी क्षेत्र का भ्रमण करते हुए ” झूलेलाल द्वारा ” पहुंची ।अक्खो और पल्लव के बाद 551 बहराणा ज्योति शिव धाम फूलचूर तालाब में विश्व कल्याण की कामना के साथ जल प्रवाहित की गई।
बिन बहराणे कारज न पुरो , झूलण बिन हर सिंधी अधूरो
कार्यक्रम की शुरुआत अमरधाम आश्रम से पधारे संत श्री लाल साईं ने मंडप में स्थापित बहराणा साहब की ज्योति जगाकर माथा टेककर आशीर्वाद प्राप्त करते हुए की। संगत को आशीर्वचन देते हुए जल ज्योति एवं पूज्य बहराणा साहब के महत्व का वर्णन करते भजन के माध्यम से कहा – जैको सचो सिंधी आहे लाल जी फोटो घर में लगाए। सिंधियत की पहचान है झूलण , लाल सिवाय कोई दूजा नाहीं।
हम जल में ज्योति अर्पित नहीं कर रहे बल्कि खुद को इष्ट देव झूलेलाल जी के प्रति समर्पित कर रहे हैं।
बिन बहराणे के कोई कारज नहीं हो सकता और इसलिए घर-घर झूलेलाल का जयघोष हो और हर घर से बहराणा निकालना चाहिए।
इस अवसर पर बहराणा साहब की महिमा पर आधारित एक नाट्य मंचन की सुंदर प्रस्तुति की गई जिसमें बच्चे को जल पिलाने मात्र से पुनर्जन्म देते दर्शाया गया।
इसके साथ ही नन्हे बच्चों ने भी एक गीत के माध्यम से एक सुंदर नाट्य रचना प्रस्तुत की।अजमेर के लवी भगत ने सुंदर भजनों की प्रस्तुति कर समां बांधा।संतश्री के आशीर्वाद लेने हेतु विधायक विनोद अग्रवाल ने भी प्रोग्राम में हाजिरी लगाई।551 सामूहिक बहराणा में मध्य प्रदेश, महाराष्ट्र व छत्तीसगढ़ से पधारे भक्त जनों ने भी अपनी उपस्थिति दर्ज की । कार्यक्रम की प्रस्तावना मनीष साजनदास वाधवानी ने रखी , मंच संचालन हरिश खत्री और आभार योगेश मूलचंदानी ने माना।कार्यक्रम को सफल बनाने हेतु सर्व सिंधी समाज की संस्थाओं , मंडल व समितियां का सहयोग रहा ।सिंधी स्कूल ग्राउंड पर कार्यक्रम पश्चात विशाल लंगर ( प्रसादी ) भी श्रद्धालुओं ने ग्रहण की।
रवि आर्य