नागपुर: मध्यप्रदेश के मुख्यमंत्री शिवराज सिंह आज शाम राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के आला अधिकारियों के समक्ष सफाई देने नागपुर पहुँचे। वजह बनी वरिष्ठ नेता बाबूलाल गौर की नाराजगी। श्री सिंह आज शाम तीन घंटे तक नागपुर के हेडगेवार स्मृति मंदिर स्थित आरएसएस मुख्यालय में बंद दरवाजे के भीतर संघ के आला पदाधिकारियों भैयाजी जोशी, दत्तात्रय होसबले तथा सुरेश सोनी को बाबूलाल गौर प्रकरण पर अपनी सफाई देते रहे। शिवराज सिंह चौहान ने पौन घंटे तक संघ के सरसंघचालक डॉ. मोहन भागवत से भी मुलाकात की और अपना पक्ष उनके समक्ष रखा। गौरतलब है कि हाल ही में मध्यप्रदेश सरकार के मंत्री-मंडल विस्तार में वरिष्ठ भाजपा नेता बाबूलाल गौर की अनदेखी ने मध्यप्रदेश की भारतीय जनता पार्टी की ईकाई को दो खेमे में बाँट दिया है। माना जा रहा है कि बाबूलाल गौर कांग्रेस नेताओं के संपर्क में हैं और उन्होंने आरएसएस के वरिष्ठ पदाधिकारियों तक अपनी नाराजगी इस धमकी के साथ पहुँचाई है कि यदि उनके साथ न्याय न हुआ तो वह कांग्रेस में जाने से भी नहीं हिचकेंगे। हालाँकि मीडिया में हल्ले के बाद बाबूलाल गौर ने इस तरह की अटकलों को खारिज किया है, लेकिन आरएसएस के पदाधिकारी म.प्र. भाजपा के इस कलह से सकते में हैं और तुरंत इस प्रकरण का निपटारा चाहते हैं, इसीलिए आज यहाँ नागपुर में मध्यप्रदेश के मुख्यमंत्री को हाजिर होने और पूरे प्रकरण पर अपना पक्ष रखने को कहा गया।
उल्लेखनीय है कि 75 साल की उम्र पार कर चुके नेताओं की जगह नयी उम्र के नेताओं को शामिल करने के उद्देश्य से हाल ही मध्यप्रदेश सरकार के मंत्री-मंडल का विस्तार समारोह आयोजित किया गया। इस समारोह के बाद से ही बाबूलाल गौर एवं सरताज सिंह सरीखे कद्दावर किंतु उम्रदराज नेताओं ने अपनी अनदेखी का अरोप लगाते हुए कांग्रेस में शामिल होने के लिए प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री तथा कांग्रेस के महासचिव दिग्विजय सिंह से संपर्क करने की बात कहकर मध्यप्रदेश भाजपा और आरएसएस के आला पदाधिकारियों की नींद उड़ा दी थी। मंत्री-मंडल विस्तार के बाद से मध्यप्रदेश सरकार के कई मंत्रियों एवं विधायकों ने शिवराज सिंह चौहान के खिलाफ मोर्चा खोल दिया है। नागपुर स्थित संघ मुख्यालय से मध्यप्रदेश के घटनाक्रम पर पैनी नजर रखी जा रही थी, लेकिन बात बिगड़ती देख मुख्यमंत्री चौहान को तलब करने के अलावा संघ पदाधिकारियों के समक्ष कोई विकल्प नहीं बचा था।