नागपुर: भारतीय जनता पार्टी के वरिष्ठ नेता बनवारीलाल पुरोहित असम के नए राज्यपाल बनाये गए है। केंद्र सरकार द्वारा राष्ट्रपति को 4 राज्यो के नये राज्यपालों की नियुक्ति की सिफारिश को राष्ट्रपति भवन से मंजूरी मिल गई है। 75 वर्ष होने के बाद केंद्रीय मंत्रिमंडल से बाहर हुई नाजमा हेपतुल्ला को मणिपुर, वी.पी. सिंह को पंजाब और जगदीश मुखी को अंडमान निकोबार का उपराज्यपाल बनाया गया है।
वरिष्ठ नेता बनवारीलाल पुरोहित की नियुक्ति के बाद नागपुर का राजनितिक कद और बढ़ा है। हालांकि इनसे पहले अटलबिहारी वाजपाई की सरकार ने नागपुर की रजनी राय को पॉन्डिचेरी का उपराज्यपाल बनाया था।
राजनितिक जीवन में कांग्रेस पार्टी के साथ सियासी पारी की शुरुवात करने वाले पुरोहित बाद में भाजपा में आ गए। वो कुल तीन बार लोकसभा सांसद भी रहे। 1984 और 1989 में कांग्रेस का टिकट पर संसद पहुंचे। जिसके बाद राम मंदिर आंदोलन से जुडाव के चलते उन्होंने भाजपा का दामन थाम लिया। भाजपा के टिकट पर 1996 चुनाव जीतकर 11 वी लोकसभा के सदस्य भी रहे। 2009 में वो फिर एक बार मैदान में उतरे पर इस बार उन्हें कांग्रेस के विलास मुत्तेमवार के हांथो शिकस्त मिली। 2009 के बाद चुनावी राजनीति से दुरी बनाते हुए वह संगठन के विस्तार में जुट गए। नितिन गड़करी जब पार्टी के अध्यक्ष बने तब वह केंद्रीय कार्यकारणी में बतौर सदस्य भी रहे। इसके अलावा पार्टी संगठन में कई पदों पर प्रमुख जिम्मेदारी निभायी।
पुरोहित केंद्रीय मंत्री नितिन गड़करी के करीबी और मार्गदर्शक है। राज्य के मुख्यमंत्री देवेन्द्र फडणवीस तो उन्हें अपना राजनितिक गुरु मानते है। मध्य भारत से प्रकाशित होने वाले अंग्रेजी के प्रमुख अखबार दि हितवाद के संचालन से लेकर भवन्स शैक्षणिक संस्था के साथ कई सामाजिक संस्था से भी उनका जुडाव रहा है। साथ ही वह संघ के भी नजदीकी रहे है।