नागपुर : नागपुर जिले में दिग्गज मंत्री फिर भी सरकारी अनुदानित विद्यालयों की जर्जर हालत, फिर कैसे जिले के विद्यार्थियों से गुणवत्तापूर्ण शिक्षित होने का सपना देखा जा सकता है. ऐसी ही एक विद्यालय-महाविद्यालय है रामटेक विधानसभा क्षेत्र अन्तर्गत कन्हान और तारसा के मध्य तालवा गांव परिसर में.
जिले के मंत्री सड़क-पुलिया निर्माण,ऊर्जा,रेती,मद्द विभाग के मामलों पर ज्यादा ध्यान केंद्रित किये हुए है, जिला प्रशासन भी स्वयंभू कुछ सकारात्मक पहल करने के बजाय मंत्रियों के निर्देशों का पालन करने में खुद को उलझाये हुए है. ऐसे में जिले में शिक्षा का क्षेत्र उम्मीद के अनुरूप न तरक्की कर रहा और न जिले के शिक्षित बेरोजगारों को नामचीन कंपनियों का “ऑफर” मिल पा रहा है.
रामटेक विधानसभा क्षेत्र अन्तर्गत तालवा (कन्हान व तारसा के मध्य) गाँव में एक वर्षो पुरानी शत-प्रतिशत सरकारी अनुदानित विद्यालय सह कनिष्ठ महाविद्यालय है, इस विद्यालय में ८ वी से १२ वी तक कागजों पर पढाई होती है. इस विद्यालय के बाहरी व आतंरिक दीवारें कब ढह जाये कहा नहीं जा सकता, विद्यार्थी-कर्मी-शिक्षक जान जोखिम में डाल कर पढ़ व पढ़ा रहे है. पीने के पानी की टंकी में कीटाणु-काई तैरता दिखाई दे रहा है. शौचालय बदबूदार सिर्फ नाम की है, जो विभिन्न प्रकार की बीमारियों को आमंत्रण दे रही है. वर्ग में प्रकाश व पंखे नदारत दिखे. कंप्यूटर कक्ष सिर्फ कहने को है, एक भी कंप्यूटर ठीक नहीं है. उक्त विद्यालय में दोपहर का भोजन दिया जाता है या नहीं? यह एक गंभीर सवाल है.
विद्यालय संचालक विजय कटारकर उक्त विद्यालय के नाम पर मिलने वाली अनुदान से पुराने विद्यालय से एक किलोमीटर की दुरी पर नया महाविद्यालय शुरू किया है, इस विद्यालय में ८ वी तक पढाई होती है, इस विद्यालय में पुराने के बनस्पत काफी अच्छी सुविधाएं है.
जब इस विद्यालय-महाविद्यालय के सन्दर्भ में जिला शिवसेना को जानकारी/शिकायत मिली तो शिवसेना पदाधिकारी वर्द्धराज पिल्ले, डैनियल शेंडे सह विद्यार्थी सेना के कार्यकर्ता उक्त दोनों शैक्षणिक संस्था का मुआयना किये, और दोपहर के भोजन जाँच हेतु मांग की, लेकिन वक़्त पर नहीं मिला तो जहाँ से भोजन लाया गया, वहाँ पहुंचे तो पाया कि इस जगह पर २-३ माह से भोजन बना ही नहीं है. उक्त अव्यवस्था के मद्देनज़र शिवसेना पदाधिकारी मौदा स्थित ब्लॉक डेवलपमेंट अफसर से मिल जानकारी देकर कार्रवाई करने की मांग की, लेकिन आज तक ब्लॉक डेवलपमेंट अफसर ने न जाँच की और न ही कोई ठोस कार्रवाई की.
उल्लेखनीय यह है कि जिले के खादी-खाकीधारी शिक्षा विभाग को नज़रअंदाज कर सड़क, रेती, शराब और ऊर्जा विभाग के कामों पर ध्यान केंद्रित किये हुए है, जिसके कारण जिले में अनुदानित विद्यालयों सह महाविद्यालय की दुर्दशा होनी लाजमी है.
– राजीव रंजन कुशवाहा