Published On : Fri, Oct 21st, 2016

पूर्व नागपुर में बरसों से नहीं हुआ विकास, मूलभूत सुविधाएं नहीं!

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नागपुर: पूर्व नागपुर शहर के स्थानीय निकाय चुनावों में हमेशा ही महत्वपूर्ण भूमिका निभाता आया है। शहर के इस हिस्से में ज्यादातर मजदूर वर्ग ही रहते हैं जो हर राजनीतिक दल के लिए एक बड़ा वोट बैंक माने जाते हैं, फिर चाहे मनपा चुनाव हो या फिर विधान सभा चुनाव। साथ ही यह भी उतना ही सच है कि बरसों से पूर्व नागपुर के निवासी मूलभूत सुविधाओं के लिए तरस रहे हैं, अन्य विकास की बात तो जाने दीजिए। हाल ही में शहर के कुछ संभ्रांत नागरिकों ने पूर्व नागपुर का दौरा करके वहां नागरिकों की व्यथा जानी।

पूर्व नागपुर का दौरा करने वालों में स्थानीय नागरिक अनिल पांडे, हसमुख राठौड, मानिसंह काटेर, रामेंद्र शुक्ला, रविंद्र केलझरे,सिंधुताई मानवाटकर, परमेश्वर गायकवाड, विनता खोब्रागडे, राजकुमार धरणे, रविन्द्र बोरकर, मेघा पांडे आदि शामिल थे। इन्होंने जानकारी दी कि पूर्व नागपुर मुम्बई-कोलकाता रेलवे लाइन के निकट से शुरू होकर कलमना रेलवे स्टेशन, भरतवाडा, नविन नगर, श्याम नगर, भांडेवाडी, वाठोडा, खरबी चौक, हसनबाग, नंदनवन, जगनाडे चौक, गंगाबाई घाट, सुनील होटल चौक, सतरंजीपुरा चौक, मस्कासाथ चौक, बस्तरवाडी चौक, दहीबाजार उडानपुल से होते हुए कमलाप्रसाद दुबे के घर पर समाप्त होती है।

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मेघा पांडे के अनुसार पूर्व नागपुर में मनपा की नेहरूनगर जोन, लकड़गंज जोन, सतरंजीपुरा जोन और इस बार नए परिसीमन के तहत आशीनगर भी जुड़ गया। आशीनगर में पूर्व नागपुर का भरतवाड़ा इलाके का ८५०० मतदाता जोड़ दिया गया। पूर्व नागपुर में वैसे ४ लाख १९ हज़ार मतदाता है, नए मतदाता जुड़े है, जिसका खुलासा १ जनवरी २०१७ को प्रकाशित होने वाली सूची से होंगा।

रविन्द्र केलझरे ने बताया कि पूर्व नागपुर के भरतवाड़ा, पुनापुर, भांडेवाड़ी, वाठोडा, खरबी अन्तर्गत ४५० बस्तियां है, इन बस्तियों में ढाई लाख लोग रहते है, और लगभग २ लाख मतदाता है। उक्त सभी इलाके पूर्व नागपुर के बाहरी इलाके है, जो की अनाधिकृत ले-आउट है।

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अनिल पांडे का कहना है कि इन अनाधिकृत ले-आउट (भरतवाड़ा, पुनापुर, भांडेवाड़ी, वाठोडा, खरबी) ने पिछले २ दशक से शून्य विकास कार्य हुए है। इन बस्तियों में सड़क, पीने का पानी, सार्वजानिक शौचालय, सरकारी स्कूल, सार्वजानिक खेल के मैदान, बगीचों सहित सरकारी अस्पतालों का आभाव है। क्योंकि इन बस्तियों में १ लाख मजदुर वर्ग निवास करता है, इसलिए इन बस्तियों के बीमार सदस्य को इलाज के लिए मेयो या मेडिकल ही अंतिम सहारा है। वर्तमान सांसद ने चुनाव के दौरान पूर्व नागपुर की इन बस्तियों में ५ करोड़ सड़क निर्माण का वादा किया था, जो की आजतक पूरा नहीं हुआ, और न ही जीत के आने के बाद इन बस्तियों का दौरा किया। वही पूर्व नागपुर के दो टर्म के विधायक परिसर में विकासकार्य को लेकर कभी रूचि नहीं दिखाई क्योंकि इस परिसर में विरोधी पक्ष का नगरसेवक है। वही विधायक पूर्व नागपुर के पॉश इलाके जैसे वर्धमान नगर, छापरु नगर, देशपांडे ले-आउट, सूर्य नगर, क्वेटा कॉलोनी एवं शांति नगर का कुछ इलाका आदि परिसर में सर्व-सुविधा होने के बाद भी वही सक्रीय है।

हसमुख राठौड़ के अनुसार वर्त्तमान परिसीमन के हिसाब से पूर्व नागपुर में प्रभाग २१, २२, २३, २४, २५, २६, २७ का आधा और ४ का कुछ हिस्सा आ रहा है, जिसमे से प्रभाग क्रमांक २४, २५, २६, २७ का आधा और ४ का कुछ हिस्सा में अनाधिकृत बस्तियां है। इन अनाधिकृत १५ वार्डों में नागपुर सुधार प्रन्यास के बर्खास्त के बाद जब मनपा के अधिनस्त सम्पूर्ण इलाका आ जायेगा, तब ही इन बस्तियों का सर्वांगीण विकास संभव हो पायेगा।

परमेश्वर गायकवाड़ व वनिता खोब्रागडे ने बताया कि पूर्व नागपुर की अनाधिकृत बस्तियों में कलमना बाजार में काम करने वाले ८००० से अधिक मजदुर और उनके परिजन रहते है, इस परिसर में इसके अलावा रोज कमाने-खाने वाले मजदुर परिवार की संख्या हज़ारों में है, इनके लिए ५०० बेड का सरकारी और इस परिसर में इएसआईसी अस्पताल की नितांत आवश्यकता है। आलम तो यह है कि काफी कोई घटना-दुर्घटना हो जाये तो प्रथमोपचार तक देने की सुविधा नहीं है।

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राजकुमार धरणे व रविन्द्र बोरकर ने जानकारी दी कि उक्त परिसर में बिजली आपूर्ति करने वाली निजी कंपनी एसएनडीएल ने गोर-गरीब-मजदुर वर्ग को बिजली कनेक्शन, नए मीटर, बिजली बिल के नाम लूट मचा रखी है, अनाप-शनाप बिल भरने में मजबूर या देरी हुई तो अपने वसूली पथक से जबरन वसूली करवाते है। ऐसा लगता है पूर्व नागपुर में “स्किल्ड” वर्ग रहता जरूर है, लेकिन जनप्रतिनिधि और प्रशासन ऐसे नज़रअंदाज करते है जैसे वे “इंडिया” में नहीं रहते है।

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-Rajeev Ranjan Kushwaha (rajeev.nagpurtoday@gmail.com)

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