नागपुर: इस बार होने वाला महानगर पालिका चुनाव खास है। एक प्रभाग में 4 नगरसेवकों के प्रतिनिधित्व को तय करने वाला चुनाव मिनी विधानसभा की तर्ज पर लड़ा जायेगा। 4 जनप्रतिनधियों का चयन एक प्रभाग में होने वाली व्यवस्था पहली बार की जा रही है। ऐसे में राजनितिक दल किसी भी तरह की कोताही बरतना नहीं चाहते। कांग्रेस और भारतीय जनता पार्टी इस बार कार्यकर्ताओ को उम्मीदवारी पार्टी कार्यालय में बैठकर नही देंगे बल्कि इसके लिए उम्मीदवारों को प्रभाग में अपनी पहचान को साबित करना होगा। दोनों दलों में टिकिट मांगने वाले कार्याकर्ताओ की फ़ौज खड़ी है। ऐसे में भविष्य में होने वाली माथापच्ची से बचने के लिए चुनाव से ठीक पहले दोनों दलो ने सर्वे कराने का फैसला लिया है। बीजेपी का सर्वे तो शुक्रवार से शुरू भी हो चुका है। मनपा में नेता प्रतिपक्ष और शहर कांग्रेस अध्यक्ष विकास ठाकरे ने भी सर्वे के माध्यम से उम्मीदवार तय करने की जानकारी दी है।
मनपा चुनाव में मुख्य भिड़ंत कांग्रेस-बीजेपी के बीच ही है। दोनों दलो द्वारा सर्वे के आकलन पर उम्मीदवारी तय करने के फैसले ने कार्यकर्ताओ का सिरदर्द बढ़ा दिया है। गल्ली की राजनीती में सक्रिय कार्यकर्ताओं के लिए बड़े प्रभाग में अपनी पहचान को स्थापित करना बड़ी चुनौती है। पर टिकिट की आस लगाए इच्छुक उम्मीदवार कही सर्वे में न पिछड़ जाये इसलिए अभी से अपने प्रचार-प्रसार में जुट गए है। वैसे दोनों दलो ने इच्छुकों से प्रभाग में घूमघूम कर अपना और पार्टी का प्रचार करने का काम आदेश सर्वे का डर दिखाकर दे ही दिया है। शहर भर में अभी से ही ये कार्यकर्ता जनता तक अपनी बात पहुचाना शुरू भी कर दिया है।
उम्मीदवारी तय करने को लेकर नतीजे जब आएंगे तब आएंगे पर सर्वे की वजह से असल में दोनों दलों ने पार्टी का प्रचार करने का बढ़िया तरीका अपनाया है। सर्वे ने अभी से दोनों दलो के कार्यकर्ताओं को काम पर तो लगा ही दिया है।