नागपुर: इंदिरा गाँधी नेशनल ओपन यूनिवर्सिटी ने विदर्भ के गढ़चिरोली और यवतमाल में आदिवासी विद्यार्थियों तक शिक्षा पहुँचाने के लिए विशेष पहल की है। नक्सलग्रस्त भाग में उच्च शिक्षा की व्यवस्था उपलब्ध हो पाना मुश्किल काम है। इस बात को ध्यान रखते हुए इग्नू ने इन दोनों जिलो के आतंरिक गाँव में जाकर ज्ञान गंगा नाम से जागरूकता अभियान शुरू कर बच्चो को न सिर्फ दाखिल दिलाया बल्कि उनके लिए नियमति अभ्यास की व्यवस्था भी निर्माण की। इग्नू के क्षेत्रीय निदेशक पी शिवस्वरूप के मुताबिक उन्होंने निजी संस्थाओ के साथ मिलकर खुद इस अभियान में हिस्सा लिया और गढ़चिरोली का दौरा किया, इस दौरे के दौरान उन्हें प्राथमिक पढ़ाई अभ्यास छोड़ चुके बच्चो और युवाओं ने जबरजस्त प्रतिसाद दिया। ज्ञान गंगा अभियान के अंतर्गत जिले में शिविर लगाए गए। जिस वजह से जिले कुरखेडा, कोरची, धानोरा से फ़िलहाल 63 युवाओ ने प्रवेश लिया है। कुछ ऐसा ही अनुभव चंद्रपुर जिले का है जहाँ के छोटेसे गाँव मंगूरदा में तो गाँव की सरपंच 110 आदिवासी ग्रामीणों ने विभीन्न पाठ्यक्रमो में प्रवेश लिया है।
इग्नू द्वारा विद्यार्थियों की कंऊन्सलिंग नागपुर और गढ़चिरोली में की जाती है पर अब मोबाइल सेवा के माध्यम से भी कंऊन्सलिंग की व्यवस्था निर्माण की गई है। ग्रामीण भागो में रहने वाले विद्यार्थी आम तौर पर रोजी रोटी के जुगाड़ में लगे रहते है जिस वजह से विद्यापीठ की व्यवस्था से अभ्यास करना ग्रामीणों के लिए मुश्किल काम है पर अब मोबाइल की काउंसलिंग की व्यवस्था से इग्नू विद्याथियो की सहूलतों के हिसाब से पढ़ाने का कार्य कर रही है। गढ़चिरोली में शिक्षा के प्रचार प्रसार के लिए नागपुर विश्वविद्यालय के प्राध्यापक जो खुद इसी जिले के है डॉ श्याम कोरेटी मदत कर रहे है। इग्नू माध्यम से यवतमाल के पांढरकवड़ा में 110 जबकि गढ़चिरोली कुरखेडा में 63 विद्यार्थी अभ्यास कर रहे है। इग्नू नागपुर विद्यार्थियों से मिल रहे प्रतिसाद देखते हुए पांढरकवड़ा और कुरखेडा में विशेष अध्ययन केंद्र स्थापित करने की तैयारी में है।