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नागपुर: राज्य के मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस ने सरकार के दो वर्ष पुरे होने के उपलक्ष्य में अपने गृह नगर में राज्य के विकास का रिपोर्ट कार्ड दिया। मुख्यमंत्री के मुताबिक बीते दो वर्षो में राज्य में सबसे ज्यादा निवेश और सर्वाधिक एफडीआई आया। पर 31 अक्टूबर को डीआईपीपी यानि डिपार्टमेंट ऑफ़ इंड्रस्टियल पालिसी एंड प्रमोशन की रिपोर्ट सार्वजनिक हुई जिसमे महाराष्ट्र पहले पाँच क्रमांक में भी शामिल नहीं है। गौरतलब हो कि देश के विभिन्न राज्यो में कारोबार के लिए अनुकूल माहौल बनाने के लिए राज्यो द्वारा किये गए सुधारो पर आकलन कर हर वर्ष यह रिपोर्ट सार्वजनिक की जाती है। वर्ष 2016 की रिपोर्ट केंद्रीय वाणिज्य एवं उद्योग मंत्री निर्मला सीतारमण ने सार्वजनिक की जिसमे महाराष्ट्र 10 वे स्थान पर है। खास बात है कि पिछली रिपोर्ट में राज्य 8 वे स्थान पर था यानि की इस वर्ष राज्य 2 अंको से नीचे सरका है।
वित्त राज्य मंत्री के मुताबिक 32 राज्यो और केंद्र शाषित प्रदेशो ने कारोबार में सुधार के लिए 7124 सबूत दिए जिनकी जाँच विश्व बैंक और डिपार्टमेंट ऑफ़ इंड्रस्टियल पालिसी एंड प्रमोशन ने 6069 सुधारो को मंजूर किया। केंद्र सरकार ने 340 मुद्दों को ध्यान के रखकर लिस्ट जारी की है। इस लिस्ट में महाराष्ट्र को हासिल क्रमांक चौकाने वाला है क्योंकि मुख्यमंत्री प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के मुख्यमंत्री शासनकाल में बनाये गये गुजरात मॉडल को ही अपना रहे थे। राज्य सरकार ने राज्य में निवेश को बढ़ाने के लिए उद्योगक्षेत्र के लिए कई अहम निर्णय लिए। यहाँ तक कि उद्योग को स्थापित करने के लिए एकल खिड़की योजना तक शुरू की। पर फिर भी राज्य को 10 वा स्थान हासिल हुआ है। जिस वजह से राज्य की नीतियों पर आश्चर्य व्यक्त किया जा रहा है। हलाकि नरेन्द्र मोदी के कार्यकाल के दौरान पहले क्रमांक पर रहा गुजरात तीसरे स्थान पर खिसक गया है। जबकि पहले नंबर पर हालही निर्मित तेलंगाना और आंध्रप्रदेश है।