नागपुर: भंडारा- गोंदिया विधानपरिषद में सब को चकित करते हुए भाजपा के डॉ परिणय फुके ने जीत दर्ज की है। फुके की जीत सीधे तौर पर मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस की जीत और राष्ट्रवादी पार्टी के कद्दावर नेता प्रफुल्ल पटेल की हार है। इस सीट पर बीते 25 बरस में पहली बार बीजेपी को कामियाबी मिली जबकि बीते 10 वर्षो से इस सीट पर कब्ज़ा जमाये प्रफुल्ल पटेल को करार झटका लगा है।
परिणय की जीत दूसरे पसंदीदा उम्मीदवार के तहत मिले मतों के’ मतों के आधार पर मुक़र्रर हुयी। पहले पसंदीदा और दूसरे पसंदीदा के तहत हुए मतदान के तहत बीजेपी को पहले चरण में 133 ,राष्ट्रवादी पार्टी को 177 जबकि काँग्रेस को 112 मत प्राप्त हुए। विधानपरिषद के चुनाव में मतदाताओ को दूसरे पसंदीदा मतदान चरण में बीजेपी के परिणय फुके को 66, राष्ट्रवादी के राजेन्द्र जैन को 21 जबकि काँग्रेस के प्रफुल्ल अग्रवाल को एक भी मत प्राप्त नहीं हुए। दोनों चरणों में बीजेपी आगे रखी और अंतिम नतीजे में बीजेपी को 211, राका को 138 जबकि काँग्रेस को 112 मत हासिल हुए।
इस सीट से अपना दबदबा खोना राष्ट्रवादी काँग्रेस के लिए बड़ा झटका है। पार्टी ने बीजेपी के उम्मीदवार पर सवाल खड़ा करते हुए चुनाव को बाहरी बनाम आतंरिक मुद्दे को उठाकर चुनाव लड़ा पर इस नतीजे से काँग्रेस और राका को ही बाहर का रास्ता दिखा दिया। बीजेपी उम्मीदवार खुद पर बाहरी होने का आरोप लगाने वालो पर निशाना साधने वालो पर अन्य दलो के उम्मीदवारों को परराज्यीय होने का मुद्दा उठाया। चुनाव में मतदाताओं पर राष्ट्वादी पार्टी का प्रभाव होने के बावजूद बीजेपी यहाँ जितने में कामियाब रही जिसकी बड़ी वजह फुके के लिए मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस द्वारा बनाई गयी रणनीति थी। यह चुनाव मुख्यमंत्री की प्रतिष्ठा की लड़ाई थी। लिहाज उन्होंने चुनाव जीतने के लिए साम -दाम ,दंड -भेद सारी रणनीति अख्तियार कर ली।
चुनाव में किस तरह की रणनीति अपनायी गई इसका अंदाज इसी बात से लगाया है की पहले चरण में 112 मत हासिल करने वाले काँग्रेस के उम्मीदवार प्रफुल्ल अग्रवाल जो खुद मौजूद विधायक के बेटे है उन्हें एक भी मत हासिल नहीं हुआ। राजनीतिक जानकारों की माने को राष्ट्रवादी पार्टी उम्मीदवार को हराने काँग्रेस और बीजेपी ने साथ चुनाव लड़ा। चुनाव का नतीजा क्या होगा इसकी स्क्रिप्ट पहले से ही तय थी। मुख्यमंत्री और गोपाल अग्रवाल के बीच पहले ही म्युचुअल अंडरस्टैंडिंग बन चुकी थी। दोनों के तालमेल का नतीजा ही यह परिणाम है।
बहरहाल हुआ जो भी हो चुनाव के नतीजे ने हारी हुयी सीट पर बीजेपी के उम्मीदवार ने जीत का सेहरा बांध दिया है। यह जीत परिणय फुके से कही ज्यादा मुख्यमंत्री की कही जा सकती है।