नागपुर: मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस ने शुक्रवार को मराठा, धनगर, मुस्लिम, लिंगायत, कोळी समाज को आरक्षण देने हेतु पक्ष-विपक्ष के प्रस्तावों पर विधानसभा में सरकार का पक्ष रखा। लेकिन किसी भी समाज के लिए किये जाने वाले उपाय योजना की तय समयावधि नहीं दी, सिर्फ आश्वासन दिया। मुख्यमंत्री के उक्त मुद्दों पर जवाब के वक्त विपक्ष के अधिकांश विधायक सभागृह से नदारद थे।
मराठा समाज के मुद्दे पर कहा कि आरक्षण का मुद्दा उच्च न्यायालय में जारी है। सरकार ने इस सन्दर्भ में प्रतिज्ञापत्र पेश किया। इस सन्दर्भ में जनवरी 2017 के अंत में तय होगा कि कब से अंतिम सुनवाई होगी। राज्य सरकार का वचन है, मराठा समाज को आरक्षण दिया जाना चाहिए। इसके लिए सरकार का सकारात्मक रु ख है।
धनगर समाज के सन्दर्भ में उन्होंने कहा कि इस समाज को आरक्षण देने के लिए टीआईएसएस को जिम्मा सौंपा गया है। 2 चरण का काम खत्म हो चुका है, तीसरे चरण का काम जल्द शुरू होगा। यह समिति 36 जिलों और 5 राज्यों में धनगर समाज का अध्ययन तक रही है। पिछली सरकार ने संशोधन पर आधारित सिफारिश नहीं भेजी इसलिए संवैधानिक आधार नहीं मिल पाया।
कोळी समाज के सन्दर्भ में उन्होंने कहा कि इस समाज के परिवार में किसी की वैलिडिटी हो तो उसे फिलहाल वैलिडिटी दी जाएगी।
मुस्लिम आरक्षण के सन्दर्भ में मुख्यमंत्री ने कहा कि मुस्लिम समाज के कुछ समाज को ओबीसी या अनुसूचित जातिके तहत आरक्षण मिल रहा है। न्यायालय में प्रकरण शुरू रहने तक शिक्षण क्षेत्र में आरक्षण जारी रहेगा। रोजगार में आरक्षण देने के मामले में रोक लगाई गई है। संविधान में धर्म के आधार पर आरक्षण देने का प्रावधान नहीं है। संविधान ने अनुमति दी तो न्यायालय के खिलाफ सरकार नहीं जाएगी।
फडणवीस ने कहा कि यह सरकार विकास कार्यों के लिए सभी के साथ सकारात्मक गठबंधन करने को तैयार है। मुस्लिम समाज के उत्थान के लिए जल्द ही सभी विधायकों की संयुक्त बैठक लेकर योजना तैयार करके समाज के विकास के लिए निधि उपलब्ध कराई जाएगी।