- सम्मान समारोह में छुए नितिन गड़करी के पैर
- गड़करी ने कहा, ‘कभी मुख्यमंत्री बनना नहीं चाहा’
- वक्ताओं ने की गड़करी की भूरि-भूरि प्रशंसा
नागपुर: महराष्ट्र के मुख्यमंत्री देवेन्द्र फड़णवीस ने फिर विदर्भ के प्रति अपनी निष्ठा और समर्पण को दोहराया है. पहली जनवरी की शाम में यहाँ नागभूषण फाउंडेशन द्वारा आयोजित में समारोह में नागभूषण अलंकरण से सम्मानित किए जाने के बाद मुख्यमंत्री फड़णवीस उपस्थितों को संबोधित कर रहे थे. उन्होंने कहा कि आगामी पाँच साल में विदर्भ का चेहरा-मोहरा पूरी तरह बदल देंगे. केंद्रीय गृह राज्यमंत्री हंसराज अहीर समारोह की अध्यक्षता कर रहे थे. शाल-श्रीफल-स्मृति चिन्ह तथा एक लाख रूपए का चेक देकर केंद्रीय भूतल परिवहन एवं राजमार्ग मंत्री नितिन गड़करी ने देवेन्द्र फड़णवीस को नागभूषण अलंकरण से सम्मानित किया. संबोधन में श्री गड़करी ने मुख्यमंत्री फड़णवीस की तारीफ करते हुए कहा कि एक अध्ययनशील व्यक्ति महाराष्ट्र का मुख्यमंत्री है और उनके इसी गुण का लाभ भारतीय जनता पार्टी को गत विधानसभा चुनावों में मिला. बतौर विधायक देवेन्द्र फड़णवीस ने अपनी अध्ययनशील वृति के चलते ही कांग्रेस और राष्ट्रवादी कांग्रेस के कई नेताओं के घोटाले उजागर किए थे. उन्होंने यह भी कहा कि जब भारतीय जनता पार्टी के शीर्षस्थ नेतृत्व ने उन्हें पार्टी की कमान सौंपकर दिल्ली बुला लिया तो महाराष्ट्र प्रदेश की जिम्मेदारी देवेन्द्र फड़णवीस के कांधों पर आ गयी, जिसका उन्होंने अच्छी तरह से निर्वहन किया. श्री गड़करी ने श्री फड़णवीस के पिता गंगाधरराव से अपने संबंधों का जिक्र करते हुए कहा कि बहुत कम उम्र में देवेन्द्र ने राजनीति को अपने जीवन का माध्यम बना लिया.
अध्यक्षीय संबोधन में केंद्रीय राज्यमंत्री हंसराज अहीर ने कहा कि मुख्यमंत्री के रूप में देवेन्द्र फड़णवीस ने उत्कृष्ट कार्य किया है और राज्य के हर वर्ग की समस्याओं का निराकरण करते हुए अपने प्रदेश को एक बेहतर प्रदेश बनाने के लिए दिन-रात काम किया है.
सर्वोच्च न्यायालय के सेवानिवृत न्यायधीश विकास शिरपुरकर ने कहा कि जिस रोज देवेन्द्र फड़णवीस राजनीति में आए थे, उसी समय से उनके देश के नामी राजनीतिज्ञ होने के संकेत मिलने लगे थे. न्यायमूर्ति शिरपुरकर ने यह भी उम्मीद व्यक्त की कि एक दिन फडनवीस जरूर देश के प्रधानमंत्री बनेंगे.
नागभूषण फाउंडेशन के सचिव गिरीश गाँधी ने कहा कि नागपुर के एक कर्मठ सपूत के हाथों दूसरे कर्मठ सपूत का सत्कार हुआ है. उन्होंने बतौर मुख्यमंत्री देवेन्द्र फड़णवीस द्वारा किए गए कार्यों को महाराष्ट्र के विकास की दिशा में एक नया अध्याय निरूपित किया.
गड़करी के चरण-स्पर्श
सम्मानित किए जाने के बाद देवेन्द्र फड़णवीस ने नितिन गड़करी के चरण स्पर्श कर आशीर्वाद लिया और कहा कि वह आज जो भी हैं श्री गड़करी की वजह से हैं. उन्होंने तमाम आलोचनाओं को सहकर विदर्भ को विकसित करने का संकल्प व्यक्त किया साथ ही इस आरोप को भी बेबुनियाद बताया कि वह सिर्फ विदर्भ के विकास के बारे में ही सोचते हैं. श्री फड़णवीस ने कहा कि उनके पहल और प्रयास से मुंबई और पुणे का चेहरा भी बदल रहा है और यह स्वीकारोक्ति आम मुंबई या पुणे वासी के मुँह से कभी भी सुनी जा सकती है.
गड़करी ने कहा, ‘कभी मुख्यमंत्री पद की चाहत नहीं हुई’
संबोधन के दौरान नितिन गड़करी ‘दिलखुलास’ बोलते रहे. उन्होंने महारष्ट्र भाजपा को ‘ब्राह्मणों’ की पार्टी कहने वालों को आड़े हाथों लेते हुए कहा कि आज सबसे ज्यादा ओबीसी भाजपा के साथ हैं. नागपुर को ज्यादा तवज्जों दिए जाने के आरोपों को निराधार बताते हुए उन्होंने कहा कि क्योंकि उनका और मुख्यमंत्री दोनों का निर्वाचन क्षेत्र नागपुर हैं इसलिए स्वाभाविक तौर पर दोनों का ध्यान नागपुर की विकास के तरफ़ तो रहेगा ही, इसलिए जिसको जो भी कहना है, कहते रहे, वह नागपुर के विकास में एड़ी-चोटी का जोर लगाए रहेंगे. श्री गड़करी ने यह भी कहा कि मीडिया ने एक समय खूब अफवाह फैलाई कि उन्हें राज्य का मुख्यमंत्री बनना है, लेकिन सच तो यह है कि उनके भीतर कभी भी यह ख्याल आया ही नहीं कि उन्हें राज्य का मुख्यमंत्री बनना है. केंद्रीय मंत्री के तौर पर वह अपने काम से संतुष्ट हैं और एक अभिभावक के रूप में देवेन्द फड़णवीस के बतौर मुख्यमंत्री के काम से भी वह काफी खुश हैं.
इस समारोह में सांसद अजय संचेती, महापौर प्रवीण दटके, पूर्व सांसद दत्ता मेघे, नागभूषण फाउंडेशन के अध्यक्ष प्रभाकरराव मुंडले, सचिव गिरीश गाँधी, उपाध्यक्ष सत्यनारायण नुवाल, कोषाध्यक्ष ब्रजकिशोर अग्रवाल मंचासीन थे. नगर के ज्यादातर गणमान्य नागरिकों की कार्यक्रम में उपस्थिति रही.