नागपुर: सोमवार को पंद्रह हजार रुपए रिश्वत लेते रंगे हाथों धरी गयी डीन डॉ. मीनाक्षी गजभिए आज मंगलवार को दिन भर से फरार हैं और पुलिस तमाम कोशिशों के बाद भी उन्हें ढूँढ़ पाने में नाकामयाब रही। विश्वसनीय सूत्रों से मिली जानकारी के अनुसार डॉ. गजभिए शहर के नामी वकीलों के संपर्क में हैं और अग्रिम जमानत के लिए जुगत लगा रही हैं। मिली जानकारी के अनुसार उनके वकील योगेश मंडपे ने अग्रिम जमानत के लिए आज अदालत का दरवाजा खटखटाया है। उनकी याचिका पर सुनवाई के लिए अदालत ने 19 जनवरी की तारीख मुकर्रर की है।
कल सोमवार को एंटी करप्शन ब्यूरो ने जाल बिछाकर इंदिरा गाँधी मेडिकल कॉलेज एवं अस्पताल (मेयो) की अधिष्ठाता डॉ. मीनाक्षी गजभिए और रिश्वत लेने में उनके सहयोगी विजय मिश्रा को रिश्वत की रकम लेते रंगे हाथों गिरफ्तार किया था। एसीबी दोनों को लेकर तहसील थाने गयी, जहाँ उन पर अपराध दर्ज कर पूछताछ की गयी। पूछताछ के बाद डॉ. गजभिए को इसलिए घर जाने की इजाजत दी गयी, क्योंकि सर्वोच्च न्यायालय के निर्देश के अनुसार गैर-संगीन मामलों में गिरफ्तार महिलाओं को रात में पुलिस थाने की जेल में नहीं रखा जा सकता।
आज सुबह जब तहसील पुलिस के अधिकारी डॉ. गजभिए को आगे की जाँच के लिए थाने बुलाने लगे तो वह पहले टालमटोल करती रहीं और फिर अपना मोबाइल बंद कर फरार हो गयीं। पुलिस ने साढ़े ग्यारह बजे के बाद डीन डॉ. मीनाक्षी गजभिए को ढूँढ़ना शुरु किया, लेकिन वे नहीं मिलीं।
नागपुर टुडे को विश्वस्त सूत्रों से जानकारी मिली है कि रिश्वतखोर डीन डॉ. गजभिए ने अपने वकील योगेश मंडपे के जरिए अग्रिम जमानत के लिए आज अदालत में याचिका दी, अदालत ने उनकी अग्रिम जमानत याचिका पर सुनवायी के लिए 19 जनवरी की तारीख तय की है।
मेयो से सीसीटीवी फुटेज भी गायब
इस बीच जब पुलिस डॉ. गजभिए को ढूँढ़ने मेयो अस्पताल गयी हुयी थी, तो उन्हें मालूम हुआ कि मेयो अस्पताल में लगे सीसीटीवी कैमरों से ली गयी 9 से 16 जनवरी के बीच की सारी रिकॉर्डिंग गायब कर दी गयी है। पुलिस को जानकारी मिली कि साढ़े ग्यारह बजे तक डीन डॉ. गजभिए मेयो अस्पताल में ही मौजूद थीं और उन्होंने ही सीसीटीवी की रिकॉर्डिंग अपने कब्जे में ले रखी थी। पुलिस को शक है कि सीसीटीवी की रिकॉर्डिंग फरार डीन डॉ. गजभिए के पास ही है।
कौन कर रहा है रिश्वतखोर डीन की मदद?
सभी जानते हैं कि रिश्वत लेते रंगे हाथों गिरफ्तार डीन डॉ. मीनाक्षी गजभिए पर कांग्रेस के दिग्गज नेता डॉ. नितिन राऊत का राजनीतिक वरदहस्त है। लेकिन फिलहाल की उनकी फरारी में नितिन राऊत की कोई भूमिका है या नहीं यह जांच के बाद ही स्पष्ट हो पाएगा।