नागपुर: लोकतांत्रिक प्रक्रिया में सहभागी होकर युवा न सिर्फ मतदान का अपना हक़ अदा करें, बल्कि जन-सम्मति से सरकार चयन करते हुए लोकतंत्र के संवर्धन के राष्ट्रीय कार्य में भी अपनी भूमिका निभाएं। उक्ताशय का आह्वान युवाओं से राज्य के मुख्य चुनाव आयुक्त अश्विनी कुमार ने राष्ट्रीय मतदाता दिवस पर आयोजित कार्यक्रम को संबोंधित करते हुए किया। यह कार्यक्रम नागपुर के डॉ. वसंतराव देशपांडे सभागार में आयोजित हुआ। नागपुर शहर और जिले के युवाओं ने बड़ी संख्या में इस कार्यक्रम में हिस्सा लिया।
राष्ट्रीय मतदाता दिवस के रुप में इस वर्ष आयोजन का सातवां साल था। 18 और 19 वर्ष के युवा मतदाताओं को देश के उज्ज्वल भविष्य में योगदान देने की जरुरत से परिचित कराने के लिए कार्यक्रम आयोजित किया गया था। इस दौरान कुछ मतदाताओं में छायाचित्र युक्त मतदाता पहचान पत्र भी वितरित किया गया।
कार्यक्रम में वरिष्ठ समाजसेवी डॉ. विकास आमटे, राष्ट्रसंत तुकडोजी महाराज नागपुर विश्वविद्यालय के उपकुलपति डॉ. सिद्धार्थ काणे, वरिष्ठ गाँधीवादी चिंतक विभा गुप्ता, विभागीय आयुक्त अनूप कुमार, जिलाधिकारी सचिन कुर्वे, पूर्व क्रिकेट खिलाड़ी प्रशांत वैद्य, युवा व्यवसायी हसन शफ़ीक़, प्रशासकीय अधिकारी अमन मित्तल, सुविख्यात शल्य-चिकित्सक एवं स्किन बैंक के संस्थापक डॉ. समीर जहांगीरदार, अंतर्राष्ट्रीय बैडमिंटन खिलाड़ी अरुंधति पानतावणे, अंतर्राष्ट्रीय टेबल टेनिस खिलाड़ी मल्लिका भांडारकर, उपमुख्य चुनाव अधिकारी शिरीष मोहोड़ प्रमुखता से उपस्थित थे।
अश्विनी कुमार ने युवाओं से गुजारिश की कि मतदान करते समय जाति, पंथ, धर्म, वंश के फेर में न पड़ते हुए ऐसे उम्मीदवारों का चयन करना चाहिए जिसमें लोकतंत्र को मजबूत बनाने की क्षमता हो। उन्होंने कहा कि मतदान एक साथ कर्तव्य भी है और अधिकार भी अतः बहुत जिम्मेदारी से इस प्रक्रिया का निर्वहन करना चाहिए। अश्विनी कुमार ने युवाओं से अपील की वे अपने आस-पड़ोस के लोगों को भी मतदान के लिए प्रेरित करें।
वरिष्ठ समाजसेवी डॉ. विकास आमटे ने कहा कि देश के जिस हिस्से में भी बुलेट यानी बंदूक की गोली के जरिए लोकतंत्र को बंधक बनाने की कोशिश की जा रही है, वहां बैलेट यानी मतदान के जरिए लोकतंत्र के दुश्मनों को समुचित जवाब दिया जा सकता है। उन्होंने कुष्ठ रोगियों को भी मतदान का अवसर दिए जाने की अपील सरकार से की।
गाँधीवादी चिंतक विभा गुप्ता ने उपस्थितों के सामने मतदान का महत्व रेखांकित करते हुए कहा कि नई पीढ़ी में मतदान के प्रति उदासीनता देखी जाती है, जबकि युवाओं को न सिर्फ खुद बल्कि समाज के आखिरी व्यक्ति को भी मतदान के लिए प्रेरित करना चाहिए।
डॉ. सिद्धार्थ काणे ने कहा कि युवा मतदान कर रामराज्य की परिकल्पना साकार कर सकते हैं। राष्ट्रीय मतदाता दिवस पर युवाओं को जागरुक बनाने विशाल रैली का आयोजन किया गया था, इसमें शहर के 35 महाविद्यालयों के विद्यार्थियों ने हिस्सा लिया। मतदान के लिए जागरुक बनाने के लिए नागपुर विश्वविद्यालय के विविध महाविद्यालयों में कई तरह की प्रतियोगिताएं आयोजित की गयीं। आज के कार्यक्रम में उन स्पर्धाओं के विजेताओं को पुरस्कृत किया गया।
युवा मतदाताओं के लिए मशहूर लोगों के संदेश :
प्रशांत वैद्य – ‘मतदार राजा जागा हो, लोकशाहीचा धागा हो” (मतदाता राजा जागो और लोकतंत्र की कड़ी बनो)
हसन शफ़ीक़ – “मतदान आहे मोलाचे, चुकून नाही चालायचे” (मतदान अमूल्य है, चूकना मना है)
अमन मित्तल – “देश को मजबूत बनाओ, मतदाता सूची में नाम लिखाओ”
डॉ. समीर जहांगीरदार – “मतदान यानी आत्मसम्मान, इसलिए करो मतदान”
अरुंधति पानतावणे – “मतदानाची कास धरु, उज्ज्वल भविष्याची वाट धरु” (मतदान का रास्ता, उज्ज्वल भविष्य की मंजिल)
मल्लिका भांडारकर – “लोकशाहीचा एकच नारा, मतदान करा” (लोकतंत्र का नारा एक, मतदान करे हरेक)