नागपुर: पुणे स्थित भोसरी में कथित ज़मीन घोटाला मामले में नया मोड आ गया है। जमीन घोटाले का आरोप पूर्व राजस्व मंत्री एकनाथ खड़से पर है और इसकी जाँच नागपुर में पूर्व न्यायाधीश झोटिंग समिति कर रही है। बुधवार को खड़से एक बार फिर अपना पक्ष रखने के लिए समिति के सामने उपस्थित हुए। लेकिन वह अपने पुराने बयान से ही पलट गए।
खड़से ने इस मामले की गई किसी भी तरह की कागजी कार्यवाही की जानकारी दे इनकार किया है। लेकिन एमआईडीसी की तरफ से पक्ष रख रहे वरिष्ठ वकील चंद्रशेखर जलतारे के मुताबिक उनके पास मौजूद सबूत इस बात की पुख्ता पुस्टि करते है की राजस्व मंत्री रहते हुए तत्कालीन राजस्व मंत्री खड़से ने उद्योग विभाग के अंतर्गत आने वाली जमीन को परिवार के लोगों को दिलाने का प्रयास किया इस जमीन पर किसी भी तरह का व्यवहार हो नहीं सकता बावजूद इसके लिए अपने पावर का इस्तेमाल किया।
एमआईडीसी के वकील चंद्रशेखर जलतारेवही दूसरी तरफ अपना बयान दर्ज कराने नागपुर पहुँचे खड़से की तरफ से जाँच आयोग में पैरवी कर रहे वकील एम भांगड़े ने एमआईडीसी के वकील की दलील को गलत बताये हुए खड़से को निर्दोष करार दिया।
खड़से की पैरवी कर रहे वकील भांगड़े
बुधवार को जाँच समिति के सामने अपना पक्ष रखने खड़से करीब साढ़े ग्यारह बजे रवि भवन में कॉटेज नम्बर 13 में जाँच समिति के दफ्तर पहुँचे। डेढ़ बजे दोपहर के भोजन के लिए निकल गए। एमआईडीसी के वकील ने भोजन अवकाश के बाद खड़से को क्रॉस किया।