नागपुर: महाराष्ट्र में भारतीय जनता पार्टी नीत शिवसेना एवं आरपीआई गठबंधन की सरकार बनने के बाद अनेक जनोपयोगी योजनाएं शुरु हुईं, राज्य परिवहन निगम यानी एसटी बसों के लिए शुरु की गई उपभोक्ता हेल्पलाइन भी उसमें से एक है। लेकिन राज्य सरकार की हर जनोपयोगी योजना की ही तरह एसटी बसों के यात्रियों के लिए जारी यह हेल्पलाइन नंबर भी आम नागरिक के ‘पहुँच से दूर’ है।
आम नागरिक की पहुँच से दूर इसलिए कि यदि आप इस हेल्पलाइन नंबर 1800-221-250 पर फोन करेंगे तो बस घंटी बजती रहेगी और कोई आपका फोन रिसीव नहीं करेगा, किंतु जैसे ही आप इस हेल्पलाइन नंबर नहीं लगने की शिकायत राज्य परिवहन निगम के किसी अधिकारी से करेंगे, वह उक्त हेल्पलाइन नंबर पर फोन लगाएगा और उसका फोन लग जाएगा। आपके सामने वह अधिकारी दो-चार बात भी करेगा। इससे उत्साहित होकर आप फिर से उस हेल्पलाइन नंबर पर फोन लगाना शुरु करेंगे और बस घंटी बजती रहेगी, कोई रिसीव नहीं करेगा और आपको अपने आम नागरिक होने का विश्वास हो जाएगा।
उल्लेखनीय है कि यह हेल्पलाइन नंबर सभी एसटी बसों के भीतर बड़े-बड़े अक्षरों में अंकित है और इसे 24 घंटे यात्रियों की सेवा, सुविधा, मदद और सहयोग के लिए शुरु किया गया है। शायद सरकार को लगता है कि इस हेल्पलाइन पर घंटी बजने भर से यात्री की दिक्कत, परेशानी दूर हो जाएगी और वह खुश होकर कहेगा, ‘जय महाराष्ट्र।’