नागपुर: आज स्थायी समिति अध्यक्ष के पद ग्रहण समारोह में उपस्थित होने के लिए आये एक कार्यकर्ता ने नागपुर टुडे को दिखाया कि मनपा मुख्यालय परिसर में साफ-सफाई और जनहित की बात करने वाली सरकार की असल में क्या हालात है और ढोल उसके विपरीत पीटी जा रही है। मनपा मुख्यालय परिसर में ठेकेदारों को आवंटित कक्ष के बाजू में खाली शराब की २ दर्जन से अधिक छोटी-बड़ी बोतलें कचरे के ढेर में पड़ी दिखायी दीं, तय है मनपा परिसर में ही उनका इस्तेमाल हुआ होगा और फेंका गया होगा।
चर्चित कहावत है कि खेलने वालों से ज्यादा बाहर बैठे खेल देख रहे दर्शकों को समझता है। इसी कहावत को अमलीजामा पहनाने में मनपा कोई कसर नहीं छोड़ रही है। एकतरफ मनपा प्रशासन स्वच्छ-सुन्दर शहर बनाने का ढोल पीटने में कोई कसर नहीं छोड़ रही तो दूसरी और मनपा मुख्यालय की हालात काफी दयनीय है।
मनपा मुख्यालय में शाम ढलते ही वर्षों से रोजाना मयखाना बनने लगता है। ठेकेदार कक्ष के बाजू पड़ी दर्जनों शराब की बोतलें इसका साक्षात उदहारण है। इसके साथ ही प्लास्टिक के खाली ग्लास, पानी-सोडा की खाली बोतलें भी पड़ी दिखी। साथ में विभिन्न प्रकार की नमकीनों के खाली पैकेट भी कचरे की शान बढ़ा रहे हैं।
अब सवाल यह है कि इसके सेवनकर्ता कौन है प्रशासन के अधिकारी या कर्मी या फिर और कोई ? लेकिन यह कड़वा सत्य है कि हर शाम अंधेरे होते ही यह परिसर में शराब पीने की शौक पूरा किया जाता है।
उल्लेखनीय यह है कि मनपा के मूल अधिकरियों सह कर्मियों को उक्त मामलात की बखूबी जानकारियां होने के बाद चुप्पी उनके अप्रत्यक्ष सहयोग की ग्वाही दे रहे है।
इनके अनुसार मनपा में कई सेवानिवृत फौजी अपने मासिक कोटे की शराब परिसर में अधिकारी-कर्मियों में बेचते है। यह बाजार भाव से सस्ती होने के कारण काफी धूम से बिकती है। तीज-त्यौहार पर इसी परिसर में रात के अँधेरे में जलसे होते दिख जायेंगे।
जानकारी देने वाले जागरूक नागरिक ने प्रशासन से मांग की है कि प्रशासन सिर्फ वाहवाही लूटने के बजाय जमीनी हक़ीक़त से रु-ब-रु हो.जब मनपा मुख्यालय की यह दशा है तो शहर की स्वच्छता का अंदाजा लगाया जा सकता है। प्रशासन से यह भी मांग की है कि मनपा प्रशासन मुख्यालय परिसर में रोजाना कामकाज का समय १० से ५ है, इसके बाद मनपा में ठिया लगाने वालों की जाँच हो और कुछ भी गैर जरुरी या अनुचित पाए जाने पर उचित कार्रवाई हो।