नागपुर: शहर के एक पूर्व महापौर व विधायक ने साफ़-साफ़ कहा कि मुख्यमंत्री देवेन्द्र फड़णवीस को हटाने का मामला हक़ीक़त से काफी परे है, भाजपा के पास कोई वजह नहीं है कि उन्हें हटाया जाए या केंद्र में मंत्री बनाकर बढ़ोत्तरी दी जाये।
उन्होंने कहा कि मुख्यमंत्री बनते ही सभी की भाँति फड़णवीस को कुछ अड़चन महसूस हुई थी लेकिन आज राज्य के प्रशासकीय कामकाज, अधिकारियों, आर्थिक व्यवहार और राजनीतिक परिस्थितियों पर उनकी मजबूत पकड़ है। जब मैं महापौर था तब भी ऐसा ही आरोप लगाया जाता था कि मनपा प्रशासन पर महापौर की पकड़ नहीं है, मनपायुक्त नहीं सुनते है महापौर की आदि-आदि, लेकिन हक़ीक़त में महापौर रहते मैंने अकेले में जितने भी कामकाज करने का निर्देश तत्कालीन मनपायुक्त को दिए उन्होंने सभी पूरी किये।अर्थात मनपायुक्त या अन्य को भी उच्च अधिकारी हो सार्वजानिक तौर दबाव सहन नहीं करते।
सरकार दबा कर चला रहे है, अधिकारी वर्ग से काम ले रहे है। फ़िलहाल ८ माह तक बदलाव नहीं होना है। अगर हुआ भी तो लोकसभा चुनाव के पहले हो सकता है। वैसे भी राज्य में उनका पर्याय कोई नहीं है।
जहाँ तक सरकार की स्थिरता का सवाल है, शिव सेना कभी सरकार से हटने का पत्र देगी नहीं तो फिर सरकार के अस्थिरता का सवाल ही कहाँ उठता है।
इन्हीं विधायक ने जानकारी दी कि राज्य सरकार का वर्ष २०१७-१८ का आम बजट आगामी १८ मार्च को मुम्बई में जारी विधानमंडल अधिवेशन में पेश किया जायेगा। फ़िलहाल विपक्षी हंगामो का दौर जारी होने से कामकाज नहीं हो पा रहे। जबकि विपक्षी विधायकों ने सभागृह के लिए तय कामकाज के दौरान चर्चा, बहस भी कर अपनी-अपनी भावनाओं से सरकार को ध्यानाकर्षण करवाये, इससे मार्ग निकाला जा सकता है। ऐसे में सरकार हंगामे की परवाह न करते हुए अंतिम ३ दिन में अपने सभी महत्वपूर्ण विधेयकों को बहुमत के आधार पर मंजूर करवा लेगी।