Published On : Sat, Mar 18th, 2017

विचार नहीं मिलते तो उन्हें देश द्रोही करार देना ठीक नहीं : सीताराम येचुरी

Sitaram Yechuri
नागपुर:
देश में समाजिक समता को तिलांजना दी जा रही है। समाज में बंधुता, समानता और स्वतंत्रता के संवैधाविक मूल्यों की रक्षा किए बिना देश की लोकतांत्रिक व्यवस्था टिकाए रखना कठिन है। किसी के विचार अगर नहीं मिलते हैं तो उसे देश द्रोही नहीं करार दिया जाना चाहिए। यह अपील मार्क्सवादी कम्युनिस्ट पार्टी के महासचिव व सांसद सीताराम येचुरी ने की शनिवार को यहां आयोजित एक व्याख्यान में की। वे डॉ. आंबेडकर महाविद्याल के राज्यशास्त्र, अर्थशास्र व इतिहास विभाग की ओर से आयोजित ‘जनतंत्र का अवमूल्यन, चुनौतियां और आवाहन’ विषय पर आधारित व्याख्यान को संबोधित कर रहे थे।

राष्ट्रसंत तुकड़ोजी महाराज विश्वविद्यालय द्वारा उनके प्रमुख वक्ता के तौर पर आयोजित व्याख्यान को रद्द किए जाने के बाद आयोजित इस व्याख्यान में येचुरी ने विश्वविद्यालय के साथ अपरोक्ष रूप से भाजपा और संघ की जमकर खिंचाई की। संघ और भाजपा का नाम लिए बिना ही येचुरी ने कहा कि धर्मनिर्पेक्ष जनतंत्रक हमारी पहचान है।विविधता में एकता बनाए रखने का काम संविधान ने किया है। अगर इसकी रक्षा हमने नहीं की तो देश में जनतंत्र नहीं रह जाएगा।

उन्होंने कहा कि सामाजिक और आर्थिक क्षेत्र में गतिरोध हैं। असमानता बढ़ रही है। किसान आत्महत्या कर रहे हैं। विजय के कारण नोटबंदी का समर्थन किया जा रहा है। लेकिन नोटबंदी से ग्रमीण अर्थव्यवस्था को तगड़ा झटका भी लगा है। इससे अनेकों के रोजगार छिन गए हैं। अत्याचार बढ़ गया है। लेकिन बावजूद इन सब के इस पर कोई कुछ बोलने को तैयार नहीं है। दलित परिवारों पर अत्याचार बढ़ा है। निजीकरण के कारण रोजगार में आरक्षण खत्म होते जा रहा है।

Gold Rate
Saturday 22 Feb. 2025
Gold 24 KT 86,600 /-
Gold 22 KT 80,500 /-
Silver / Kg 97,200 /-
Platinum 44,000 /-
Recommended rate for Nagpur sarafa Making charges minimum 13% and above

हिन्दू होने का प्रमाणपत्र क्या नागपुर में बांटा जाएगा?
देश में गोहत्या पर प्रतिबंध होने के बाद भी गोहत्या के नाम पर उन्माद पैदा किया जा रहा है। भले ही दक्षिण भारत में रहनेवाले हिन्दू रावण की पूजा करते हैं और शेष भारत के हिन्दू राम की। ऐसे में किसे सच्चा हिन्दू माना जाए, यह सवाल करते हुए चुटकी लेते हुए कहा कि क्या ऐसे हिन्दुओं को नागपुर में प्रमाणपत्र दिया जाएगा क्या। साथ ही देश की विविधता को भी सर्वसहमति से स्विकार करने की अपील की।

किसी को बोलने से रोकना बौध्दिक लाचारी
सभी का सुन लिया जाना चाहिए। लेकिन जो गलत है उसका विरोध किया जाना चाहिए। हमारा भले ही विरोध किया जाए लेकिन हम देश के सिपाही बनकर लड़ते रहेंगे। हमारे विचारों का वे भले ही विरोध करें इसका मलाल नहीं लेकिन चर्चा तो की जानी चाहिए। सभी को अपने विचार व्यक्त करने का अधिकार है। लेकिन देश में इन दिनों विचारों पर रोक लगाने का काम शुरू है। किसी को बोलने से रोकना बौध्दिक लाचारी का प्रतीक है।

Advertisement