नागपुर – वर्ष 2013 से नागपुर में प्रशासकीय इमारत क्रमांक 2 में जलसंधारण विभाग का कार्योलय के अधीन मुख्य अभियंता विदर्भ सघन सिंचन विकास कार्योलय शुरू हुआ था । अब यह कार्योलय बंद होनेवाला है। इस कार्योलय को विदर्भ के 11 जिलो के लिए शुरू किया गया था शुरुवात में इस कार्योलय की मुद्दत 2017 तक थी। लेकिन अब सरकार ने इसको मान्यता प्रदान नहीं करने की वजह से अब यह बंद हो रहा है।
इस मुख्य अभियंता कार्योलय के अंतर्गत जलयुक्त शिवार अभियान ,जलसंधारण की 250 हेक्टेयर के काम ,महाराष्ट्र जलसंधारण महामंडल के कार्य ,डी.पी.सी.के फण्ड के कार्य ,मामा तालाबो की दुरुस्ती के कार्य थे। यह कार्योलय शुरू होने से पहले विदर्भ के प्रकल्पों को पुणे स्थित मुख्य अभियंता कार्योलय मंजूरी देता था। जिसके कारण पुणे यह कार्योलय विदर्भ के कर्मचारियों और अधिकारियों के लिए काफी दूर था। जिसके कारण चंद्रपुर समेत विदर्भ के सभी जिलों से कर्मचारियों को पुणे आने जाने में 3 दिनों का वक्त लगता था।
नागपुर में मुख्य अभियंता कार्योलय के शुरू होने से सभी प्रकार की मंजूरी ,तांत्रिक मार्गदर्शन काम समय में होता था। जिसेक कारण कर्मचारियों को और अधिकारियों को पुणे में जाने की आवश्यकता नहीं थी। लेकिन अब नागपुर का यह कार्योलय बंद होने की वजह से फिर पुणे आने जाने की परेशानी कर्मचारियों को और अधिकारियों को होगी। साथ ही इसके समय की बर्बादी के साथ ही खर्च भी होगा।
नागपुर मुख्य अभियन्ता कार्योलय के अंतर्गत विदर्भ में जलसंधारण के 8 विभागीय कार्योलय ,जिला परिषद के कार्योलय व 2 सर्कल कार्योलय नागपुर और अमरावती में है। मुख्य अभियंता कार्योलय बंद होने के कारण जलयुक्त शिवार ,जलसंधारण के सभी कामो पर इसका विपरीत परिणाम होगा।