Published On : Fri, Jun 23rd, 2017

एसएनडीएल और मनपा को नहीं पता किस की है इलेक्ट्रिकल डीपी

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नागपुर:
नागपुर शहर में 2011 से बिजली वितरण करने की जिम्मेदारी एक निजी कंपनी एसएनडीएल को दी गई है. पिछले छह वर्षों में कंपनी ने दावा किया है कि शहर की बिजली वितरण प्रणाली में काफी सुधार हुआ है. हालांकि इन छह वर्षों के विकासकार्य पर गौर किया जाए तो कंपनी के खिलाफ शहर के नागरिकों के साथ ही विधायक भी कंपनी के कामकाज पर ऐतराज जता चुके हैं. अभी हाल ही में सुगत नगर में दो बच्चे हाईवोल्टेज करंट का झटका लगने के शिकार हुए हैं जिससे उनकी मौत हो गई. इस घटना में प्रशासन और एसएनडीएल दोनों की ही लापरवाही सामने आई है. इसी तरह की लापरवाही के कई नमूने कंपनी और मनपा के शहर के कई जगहों पर दिखाई दे रहे हैं. सिविल लाइन, सदर, महल व ऐसे ही कई जगहों पर बनी अधिकांश डीपी (डिस्ट्रीब्यूशन पैनल ) खुले पड़े हुए हैं. ख़ास बात यह है कि यह डीपी कई वर्षों से इसी हालत में हैं लेकिन कंपनी और मनपा ने इसे दुरुस्त करने की कभी जहमत नहीं उठाई है. यह खुली डीपी रोज नागरिकों को दुर्घटनाओ का निमंत्रण देती हुई नजर आ रही हैं.

एसएनडीएल कंपनी की ओर से बिजली वितरण प्रणाली सुधरने का दावा तो काफी किया जाता है. लेकिन सच्चाई यह है कि कंपनी ने बिजली के बिल बढ़ाने के अलावा और कुछ नहीं किया है. जहां यह खुली डीपी है वहां से रोजाना सैकड़ों लोगों का आवागमन होता है. अब स्कूल भी शुरू होनेवाले हैं. ऐसे में स्कूली विद्यार्थियों को ऐसी खुली डीपी का बड़ा खतरा बना रहेगा. इन डीपी के खुले रहने से किसी के साथ भी अनहोनी की घटनाओं से भी इंकार नहीं किया जा सकता. अभी मॉनसून शुरू हो चूका है. ऐसे में शार्ट सर्किट की घटनाओं का खतरा भी बड़ी चिंता का विषय रहता है. नागपुर महानगर पालिका की ओर से भी स्ट्रीट लाइट के लिए डिपि का रखरखाव किया जाता है. लेकिन खुली पड़ी यह इलेक्ट्रिक डीपी आखिर किसके अधिकार में क्षेत्र में है, इसे लेकर भी एसएनडीएल कंपनी और मनपा के बीच ही सामंजस्य नहीं है.


इस बारे में जब एसएनडीएल के जनसम्पर्क अधिकारी दीपांशु खिरवटकर से बात की गई तो उन्होंने बताया कि एसएनडीएल की डीपी के साथ ही कई डीपी की जिम्मेदारी महानगर पालिका की भी है. जिसके कारण पहले यह पता करना होगा की किसकी हद में सम्बंधित डीपी आती है. उन्होंने यह भी जानकारी दी कि कई बार डीपी को बंद किया गया. लेकिन बॉक्स के लोहे के दरवाजे होने की वजह से वे चोरी हो जाते हैं. जिसके कारण कई जगह पर डीपी खुली पड़ी रहती है.

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