नागपुर : आदिम संविधान सरंक्षण समिति की ओर से हलबा, हलबी समाज के लोगों ने जाति वैधता प्रमणपत्र की मांग को लेकर संविधान चौक में सैकड़ों में ख़ून से हस्ताक्षर देकर आंदोलन कर सरकार के प्रति अपनी नाराजगी जताई. इस स्वाक्षरी आंदोलन में सभी पदाधिकारियों ने अपने ख़ून से हस्ताक्षर किया. इस दौरान आदिम संविधान सरंक्षण समिति की राष्ट्रीय अध्यक्ष नंदा पराते के नेतृत्व में यह प्रदर्शन किया गया. इस दौरान हलबा, हलबी समाज के लोगों ने बताया कि न्याय के लिए वे कई मंत्रियों से मिले चुके हैं. लेकिन उनसे सिवाय आश्वासन के और कुछ नहीं मिला है. प्रदर्शन के दौरान मौजूद नंदा पराते ने बताया कि भारतीय संविधान सूची में हलबा, हलबी का आदिवासियों में समावेश था. जिससे उन्हें सरकार द्वारा सहूलियतें मिली. लेकिन अब कोष्टी काम करने को लेकर हलबा के आवेदन स्वीकार नहीं किए जा रहे हैं.
उन्होंने बताया कि कांग्रेस की ओर से हलबा लोगों की सहूलियतें नकारी गई थी. जिसके बाद भाजपा की ओर से विधायकों ने विधानसभा में आवाज उठायी और हलबा लोगों को आश्वासन दिया था कि उनकी सरकार आने के बाद हलबा समाज के लोगों को न्याय दिया जाएगा. लेकिन सरकार बने 3 साल हो गए लेकिन फिर भी हलबा लोगों को न्याय नहीं मिल पाया है. जिसके कारण पराते ने हलबा समाज के लोगों को जाती प्रमाणपत्र देने की मांग की है.