नागपुर : पर्यावरण को बचाने और पेड़ों के सरंक्षण के लिए अनेक संस्थाएं काम का रही हैं. सरकार की ओर से भी पेड़ों को लगाने और लोगों में जनजागृति के लिए करोड़ों रुपए खर्च कर पौधरोपण का भव्य कार्यक्रम किया जाता है. लेकिन कई ऐसे भी लोग हैं जो बिना किसी विज्ञापन या प्रसिद्धि के बिना यह कार्य निरंतर करते जा रहे हैं और वह भी निस्वार्थ भाव से. लकड़गंज में रहनेवाले जयेश पटेल पेड़ो को बचाने और उनके संवर्धन के लिए पिछले दो महीनों से विभिन्न सरकारी विभागों में और लोगों में पेड़ो को बचाने के लिए अभियान चला रहे हैं. खासबात यह है कि इस अभियान में कोई भी उनके साथ नहीं है. उनकी टीम में वही अकेले हैं जो सभी जगहों पर घूमकर यह कार्य कर रहे हैं.
जयेश का जब जन्मदिन था तो उसके पिता ने उसे कोई भी उपहार नहीं दिया और उससे कहा कि बेटा पर्यावरण की रक्षा के लिए लोगों को पेड़ लगाने और उन्हें बचाने के लिए प्रोत्साहित करो. पिता द्वारा कही गई यह बात जयेश में मन को छू गई और तभी से इस कार्य की शुरुआत हुई. जयेश के घर में उसके पिता चंदूलाल पटेल और मां जयाबेन पटेल और एक भाई मुकेश है. जयेश के पिता गाड़ी रिपेयरिंग का कार्य करते हैं तो वहीं उसकी मां गृहिणी है और भाई सुपरवाइजर. ‘ एकला चलो रे ‘ की तर्ज पर जयेश ने इस सराहनीय कार्य की शुरुआत की है. हालांकि जयेश प्रॉपर्टी डीलिंग का कार्य करता है, बावजूद इसके रोजाना लोगों से और अधिकारियों से मिलकर उनसे पेड़ लगाने और उसके संवर्धन के लिए संकल्प कराता है.
जयेश का कहना है कि भोजन के बिना मनुष्य एक महीने तक जीवित रहा सकता है, पानी के बिना पंद्र दिन जीवित रह सकता है. लेकिन हवा के बिना उसका 15 सेकंड भी जीवित रह पाना मुश्किल है. वह हवा यानी ऑक्सिजन पेड़ो से ही मिलती है. जयेश का कहना है कि आज कारखाने और अन्य संसाधनों की वजह से पेड़ों की कटाई हो रही है और सैकड़ो की तादाद में पेड़ भी कम हो रहे हैं. अगर अभी पेड़ो को लेकर सभी लोग गंभीर नहीं हुए तो आनेवाले दिनों में नुकसानदायक परिणाम सभी को भुगतने पड़ सकते हैं. उसका कहना है कि किसी का भी जन्मदिन हो, शादी हो, सालगिरह या फिर कोई राष्ट्रीय कार्यक्रम ऐसे सभी मौकों पर पौधरोपण होना ही चाहिए. जिससे हमारे जहन में पेड़ों के प्रति संवेदना निर्माण हो.
जयेश प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के स्वच्छ भारत अभियान से भी काफी प्रेरित है. उसका कहना है कि स्वछता, पेड़ और पर्यावरण को लेकर प्रधानमंत्री ने जो उपक्रम अपने हाथों में लिया है उसको निभाने की जिम्मेदारी सभी नागरिकों की है. जयेश के द्वारा किए जा रहे इस कार्य में उसके माता पिता उसे काफी प्रोत्साहित करते हैं. पेड़ों को बचाने और संवर्धन को लेकर अब तक जयेश रेलवे विभाग, नागपुर महानगर पालिका और पुलिस स्टेशन में जाकर भी अधिकारियों से मिल चुका है. जिसको लेकर अधिकारियों की ओर से भी उसे काफी प्रोत्साहित किया गया. साथ ही इसके सरंक्षण के लिए सभी ने उसे आश्वासन भी दिया और पौधारोपण भी किया है.
पेड़ों को बचाने के लिए जयेश काफी गंभीर है. उनका कहना है कि जिस तरह से बूढ़े माता पिता को संभालना उनके बच्चों का धर्म होता है उसी तरह पेड़ भी हमारे माता पिता से बढ़कर है और उन्हें बचाने के लिए हमें आगे आकर पेड़ो के सरंक्षण के लिए प्रयास करना ही होगा.
—शमानंद तायडे