नागपुर: सरकारी विमानन कंपनी एयर इंडिया के विनिवेश के फैसले का संघ से जुड़े संगठन भारतीय मज़दूर संघ ने विरोध किया है। बीएमएस द्वारा जारी प्रेस विज्ञप्ति में एयर इंडिया के स्टाफ़ से इस फैसले के विरोध में आंदोलन करने की अपील भी की गई है। आर्थिक रूप से भारी नुकसान से जूझ रही विमानन कंपनी एयर इंडिया को घाटे से उबारने और सरकारी बोझ को कम करने के लिए निति आयोग ने कंपनी के सौ फ़ीसदी विनेवेश का सुझाव दिया था। हांलाकि सरकार ने हिस्सेदारी बेचने का फ़ैसला लिया है पर इसका प्रारूप क्या होगा यह मोटे तौर पर अब तक सामने नहीं आया है।
संघ से जुड़ा संगठन निति आयोग की सिफारिशों पर लगातार अपना विरोध दर्ज कराते रहा है। बीते महीने 22 -23 जून को संगठन ने देशव्यापी प्रदर्शन भी किया। अब जब से सरकार ने सरकारी विमानन कंपनी की हिस्सेदारी बेचने का फैसला लिया है बीएमएस इसके विरोध में न सिर्फ खड़ा हो गया है बल्कि उसने तीव्र आंदोलन की चेतावनी भी दी है। बीएमएस के मुताबिक सार्वजनिक क्षेत्र के प्रतिष्ठानों की स्थापना देश की सेवा करने के लिए किया गया था नाकि व्यापर के लिए। आज व्यापारिक रूप से आकलन किया जा रहा है जो गलत है। सार्वजनिक कंपनियों का उद्द्देश्य अधिक रोजगार उपलब्ध करना और बेहतर वेतन मुहैय्या करना है। सरकार सार्वजनिक क्षेत्र की कंपनियों को निजी हाँथो में सौप रही है जिनमें भारी अनियमितताएं है।
नागपुर टुडे से बात करते हुए बीएमएस के महामंत्री विरजेश उपाध्याय ने कहाँ की सरकार निजीकरण की पक्षधर है लेकिन इसका विपरीत असर कर्मचारियों पर होता है जिसे किसी भी सूरत में अपनाया नहीं जा सकता हम इस फ़ैसले का विरोध करते है।