कोटा: फिल्म निर्माता, निर्देशक, अभिनेता व समाजसेवी सरोश खान ने देश में चंद लोगों द्वारा गोवध व गोरक्षा के नाम पर फैलायी जा रही हिंसा व उन्माद के खिलाफ जनमानस को एकजुट करने के लिए रविवार को गाय का पूजन कर गृह प्रवेश करवाया। इस अवसर पर उन्होंने कहा कि गाय में जितनी श्रद्धा हिंदुओं की है उतनी ही मुसलमानों की भी है। कोई भी सच्चा मुसलमान गोहत्या नहीं करता।
उन्होंने कहा कि देश का आम मुसलमान न तो पहले गौमांस खाता था न अब खा रहा है और न कभी खाएगा। जो चंद मुसलमान ऐसा कर यहे हैं उन सबके राजनीतिक स्वार्थ हैं। इनका मकसद सिर्फ माहौल खराब करना है। इनकी आड़ में पूरी कौम को दोषी नहीं ठहराया जाना चाहिए। उन्होंने ऐसे लोगों को करारा जवाब देने के लिए प्रत्येक मुस्लिम परिवार से एक गाय पालने की अपील की।
खान ने गोरक्षा के नाम पर फैलायी हिंसा पर कड़ा एतराज जताया। उन्होंने कहा कि इनका मकसद गोरक्षा नहीं, समाज में नफरत फैलाकर राजनीतिक लाभ हासिल करना है। कई मामलों में सामने आया है कि केवल गौमांस की अफवाह के आधार पर इंसानों मारा-पीटा जा रहा है। ऐसा करके ये गाय की कैसे और कितनी रक्षा कर रहे हैं? उन्होंने कहा कि ऐसे लोगों को न सिर्फ कठोर दंड मिलना चाहिए, बल्कि इनका सामाजिक बहिष्कार भी होना चाहिए।
सरोश ने कहा कि गोरक्षा के लिए सरकार और समाज, दोनों को अपनी सोच में बदलाव करना होगा। जहां सरकार को गाय की हत्या करने, उसे कटने के लिए बेचने व उसे आवारा छोड़ने पर कड़ी सजा का कानून बनाना चाहिए, वहीं समाज को गाय के महत्व को फिर से अंगीकार करना चाहिए। उन्होंने सरकार से गाय को राष्ट्रीय पशु घोषित करने की भी मांग की।
इस अवसर राजस्थान संस्कृत विश्वविद्यालय के सहायक आचार्य शास्त्री कोसलेंद्रदास ने गाय की विधिवत पूजा कर गृह प्रवेश करवाया। उन्होंने कहा कि शास्त्रों में गाय को पूरे संसार की माता कहा गया है, किसी धर्म की नहीं। ऐसे में किसी मुसलमान द्वारा गाय का गृह प्रवेश करवाना शास्त्र सम्मत व प्रेरक है। इस मौके पर राजस्थान संस्कृत अकादमी के पूर्व निदेशक डॉ. राजेंद्र तिवाड़ी ने गाय के महत्व पर प्रकाश डाला। कार्यक्रम में मुस्लिम व सर्वसमाज के सैकड़ों लोगों ने शिरकत की।