Published On : Wed, Jul 26th, 2017

‘कैप्टन विक्रम बत्रा कारगिल से जिंदा वापस लौटता, तो आर्मी चीफ बन जाता’

कैप्टन विक्रम बत्रा. 9 सितम्बर, 1974 की पैदाइश. कारगिल वॉर के दौरान मोर्चे पर तैनात. बढ़ी हुई दाढ़ी में 22 साल का लड़का. पर कारगिल के पांच सबसे इंपॉर्टेंट पॉइंट जीतने में मेन रोल निभाने वाला. जोश से भरा हुआ. सबका चहेता. परमवीर चक्र पाने वाला आखिरी आर्मी मैन. वो इंसान, जिसने मरने से पहले अपने बहुत से साथियों को बचाया. और जिसके बारे में खुद इंडियन आर्मी चीफ ने कहा था कि अगर वो जिंदा वापस आता, तो इंडियन आर्मी का हेड बन गया होता.

विक्रम का जिक्र आते ही ये जुमले लोगों की जुबान पर आ जाते हैं –

Gold Rate
Friday 21 Feb. 2025
Gold 24 KT 86,300 /-
Gold 22 KT 80,300 /-
Silver / Kg 97,800 /-
Platinum 44,000 /-
Recommended rate for Nagpur sarafa Making charges minimum 13% and above

‘या तो मैं लहराते तिरंगे के पीछे आऊंगा, या तिरंगे में लिपटा हुआ आऊंगा. पर मैं आऊंगा जरूर.’

‘ये दिल मांगे मोर.’

‘हमारी चिंता मत करो, अपने लिए प्रार्थना करो.’

7 जुलाई को कैप्टन विक्रम बत्रा की बरसी होती है. उनकी लाइफ के कुछ फैक्टस –

1. शुरुआती पढ़ाई के लिए विक्रम किसी स्कूल में नहीं गए थे. उनकी शुरुआती पढ़ाई घर पर ही हुई थी और उनकी टीचर थीं उनकी मम्मी.

2. 19 जून, 1999 को कैप्टन विक्रम बत्रा की लीडरशिप में इंडियन आर्मी ने घुसपैठियों से प्वांइट 5140 छीन लिया था. ये बड़ा इंपॉर्टेंट और स्ट्रेटेजिक प्वांइट था, क्योंकि ये एक ऊंची, सीधी चढ़ाई पर पड़ता था. वहां छिपे पाकिस्तानी घुसपैठिए भारतीय सैनिकों पर ऊंचाई से गोलियां बरसा रहे थे.

3. इसे जीतते ही विकम बत्रा अगले प्वांइट 4875 को जीतने के लिए चल दिए, जो सी लेवल से 17 हजार फीट की ऊंचाई पर था और 80 डिग्री की चढ़ाई पर पड़ता था.

4. परमवीर चक्र पाने वाले विक्रम बत्रा आखिरी हैं. 7 जुलाई 1999 को उनकी मौत एक जख्मी ऑफिसर को बचाते हुए हुई थी. इस ऑफिसर को बचाते हुए कैप्टन ने कहा था, ‘तुम हट जाओ. तुम्हारे बीवी-बच्चे हैं.’

5. अक्सर अपने मिशन में सक्सेसफुल होने के बाद कैप्टन विक्रम बत्रा जोर से चिल्लाया करते थे, ‘ये दिल मांगे मोर.’

6. उनके साथी नवीन, जो बंकर में उनके साथ थे, बताते हैं कि अचानक एक बम उनके पैर के पास आकर फटा. नवीन बुरी तरह घायल हो गए. पर विक्रम बत्रा ने तुरंत उन्हे वहां से हटाया, जिससे नवीन की जान बच गई. पर उसके आधे घंटे बाद कैप्टन ने अपनी जान दूसरे ऑफिसर को बचाते हुए खो दी.

7. विक्रम बत्रा के बारे में बताते हुए नवीन इमोशनल हो जाते हैं. एक वाकया और सुनाते हैं कि पाकिस्तानी घुसपैठिये लड़ाई के दौरान चिल्लाए, ‘हमें माधुरी दीक्षित दे दो. हम नरमदिल हो जाएंगे’. इस बात पर कैप्टन विक्रम बत्रा मुस्कुराए और अपनी AK-47 से फायर करते हुए बोले, ‘लो माधुरी दीक्षित के प्यार के साथ’ और कई सैनिकों को मार गिराया.

8. कैप्टन विक्रम बत्रा की बहादुरी के किस्से भारत में ही नहीं सुनाए जाते, पाकिस्तान में भी विक्रम बहुत पॉपुलर हैं. पाकिस्तानी आर्मी भी उन्हें शेरशाह कहा करती थी.

9. विक्रम बत्रा की 13 JAK रायफल्स में 6 दिसम्बर 1997 को लेफ्टिनेंट के पोस्ट पर जॉइनिंग हुई थी. दो साल के अंदर ही वो कैप्टन बन गए.
उसी वक्त कारगिल वॉर शुरू हो गया. 7 जुलाई, 1999 को 4875 प्वांइट पर उन्होंने अपनी जान गंवा दी, पर जब तक जिंदा रहे, तब तक अपने साथी सैनिकों की जान बचाते रहे.

10. उनके दोस्त नवीन कहते हैं कि कैप्टन अपनी सेफ्टी को पीछे रखते थे, इसीलिए ‘मुझे बंकर से खींचकर पहले उन्होंने मेरी जान बचाई.’

11. विक्रम को प्यार था डिंपल चीमा से. पंजाब यूनिवर्सिटी में दोनों की मुलाकात हुई थी. डिंपल कहती हैं कि उन्होंने और विक्रम ने कुछ खूबसूरत महीने चंडीगढ़ में गुजारे.

12. डिंपल उस वक्त को याद करते हुए कहती हैं, ‘1996 में विक्रम का सलेक्शन आर्मी में हो गया, तो उसने कॉलेज छोड़ दिया. एक भी दिन 17 साल में नहीं गुजरा, जब मैंने उसे याद नहीं किया हो. मुझसे दूर आर्मी में चले जाने के बाद भी हमारा प्यार बढ़ता गया. कारगिल से लौटने पर दोनों का शादी करने का प्लान था. पर वो लौटा नहीं और जिंदगी भर के लिए मुझे यादें दे गया.’

13. ‘कैप्टन विक्रम बत्रा अगर कारगिल वॉर से सही-सलामत लौट आए होते, तो 15 साल के अंदर मेरी कुर्सी पर बैठे होते.’ ये बात उस वक्त के चीफ ऑफ आर्मी स्टाफ वेद प्रकाश मलिक ने कही थी.

14. 2003 में कारगिल पर बनी फिल्म LOC कारगिल में कैप्टन विक्रम बत्रा का रोल अभिषेक बच्चन ने किया था. उनको अपने जोश और इंस्पायर करने वाले जुमलों के लिए हमेशा याद किया जाएगा.

Source: Thelallantop

Advertisement