नागपुर: माइक्रो फाइनेंस कंपनियों के ख़िलाफ़ जाँच कर रही समिति का कार्यकाल 30 सितंबर तक सरकार ने बढ़ा दिया है। विभागीय आयुक्त की अध्यक्षता में बनाई गई इस समिति के पास कई अन्य जाँच है जिसे देखते हुए समिति ने सरकार से और वक्त की माँग की थी जिसे सरकार ने मान ली है। पहले इस समिति को जून 2017 तक मामले की जाँच कर रिपोर्ट सरकार को सौपनी थी। विदर्भ और मराठवाड़ा में बड़ी मात्रा में कर्ज देने में माइक्रो फाइनेंस कंपनी सक्रिय है। समय समय पर इन कंपनियों द्वारा जनता से लूट की बात भी उठती रहती है।
महिला बचत गट और छोटे माध्यम वर्ग के लोगो के बीच मोटी ब्याज दर पर कर्ज देने में सक्रिय इन कंपनियों द्वारा जनता से लूट भी होती रही है। इसी मुद्दे पर आम आदमी पार्टी के साथ अन्य सामाजिक संगठनों ने कई बार आंदोलन भी किये। इन्ही आंदोलनों की वजह से सरकार ने विभागीय आयुक्त की अध्यक्षता में जाँच समिति का गठन किया था। समिति ने नागपुर के विभागीय आयुक्त के साथ अमरावती के विभागीय आयुक्त को सह अध्यक्ष बनाने की गुजारिश सरकार से की थी जिसे भी मान लिया गया है।