Published On : Fri, Aug 11th, 2017

कैंसर के उपचार में रोबोटिक रेडियो सर्जरीज से सटीक इलाज : एचसीजी एनसीएचआरआई कैंसर केंद्र

नागपुर: रोबोटिक रेडियो सर्जरी की मदद से कैंसर के उपचार के बारे में जागरूकता साझा करने के लिए एचसीजी एनसीएचआरआई कैंसर केंद्र ने एचसीजी में विशेष चिकित्सकों के साथ शुक्रवार को एक पत्र परिषद का आयोजन किया. कैंसर के खिलाफ लड़ाई में सबसे आगे होने के नाते एचसीजी ने नविन उपचार पद्धतियों का नेतृत्व किया है और उद्योग को बदलनेवाली प्रौघोगिकीयों से अवगत कराया. रोबोटिक रेडियो सर्जरीज मुख्य रूप से शरीर में कहीं भी सौम्य ट्यूमर और घातक ट्यूमर के अचूक इलाज के लिए किया जाता है. रेडियो सर्जरीज का उपयोग विभिन्न प्रकार के रोगों के लिए है. उदहारण के लिए मस्तिष्क के अंदर मेनिजियोमास, पिट्यूटरी, एडिनोमोस, अकॉस्टिक श्वानोमास, ट्रीजेमिनल न्यूरोलोजिया आदि जबकि मस्तिष्क के बाहर इसका उपयोग फेफड़े के कैंसर पेनक्रियेटिक कैंसर, प्रोस्टेट कैंसर, यकृत कैंसर, सिर और गर्दन के कैंसर के साथ स्पाइन मेटास्टेसिस के लिए किया जा सकता है. मध्य भारत में विशेषज्ञता और गुणवत्ता चिकित्सा सेवाओं की बढ़ती जरूरतों को पूरा करने के लिए एचसीजी एनसीएचआरआई कैंसर केंद्र के अनुभवी क्लिनिशिएंस के साथ मेडिकल, सर्जिकल और रेडिएशन ऑन्कोलॉजी के विशेष्ज्ञ डॉक्टरों के माध्यम से बहुविध दृष्टिकोण से कैंसर की देखभाल प्रदान करता है.

यह जानकारी आयोजित पत्र परिषद में एचसीजी एनसीएचआरआई कैंसर केंद्र के डॉक्टरों की ओर से दी गई. इस दौरान रेडिएशन ऑन्कोलॉजी के डॉ.शंकर वांगीपुरम ने बताया कि रोबोटिक सर्जरी एक प्रकार की न्यूनतम इनवेसिव सर्जरी है जो स्वास्थ्य पेशेवरों को अधिक सटीकता, लचीलापन और नियंत्रण के साथ कई प्रकार की जटिल प्रक्रियाओं को करने में सक्षम बनाती है. उन्होंने बताया कि रोबोट वो चिकित्सा है जो छोटे चिरों के माध्यम से शल्यचिकित्सा करते हैं. उन्होंने जानकारी देते हुए बताया कि ओरल कैंसर को होने से रोका जा सकता है. लेकिन इसके लिए तम्बाकू और सिगरेट छोड़नी होगी.

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एचसीजी एनसीएचआरआई के सर्जिकल ऑन्कोलॉजी के निदेशक और प्रमुख डॉ. अजय मेहता ने इस दौरान बताया कि रेडिएशन थेरेपी एक तेजी से आगे बढ़ने वाला क्षेत्र है. जिसमें प्रौघोगिकी और सॉफ्टवेयर में तेजी से बदलाव हो रहे हैं. उन्होंने बताया कि एचसीजी एनसीएचआरआई में अनुभवी चिकित्सकों और अत्याधुनिक सुविधा के साथ तथा सबसे उन्नत विकिरण यन्त्र ट्रबीम एसटिक्स के साथ न केवल चिकित्सकों को जटिल न्यूनतम इनवेसिव प्रक्रियाए करना संभव होता है बल्कि यह सुधरने का समय और दर्द भी बहुत कम करती है. उन्होंने बताया कि ओरल कैंसर के सबसे ज्यादा मरीज नागपुर में हैं. इस दौरान डॉ. सुचित्रा मेहता समेत अन्य डॉक्टर भी पत्र परिषद में शामिल थे.

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