नागपुर: एसएनडीएल के खिलाफ पिछले कई सालों से नागपुर शहर सुधार समिति, पुलिस मित्र समन्वयक समिति की लड़ाई शुरू है. समिति के अध्यक्ष प्रवीण राउत के मुताबिक एसएनडीएल के कर्मचारी नियम और कानून को ताक पर रखकर नागरिकों को धमकाकर अवैध वसूली कर रहे हैं. जिसके चलते एसएनडीएल के अधिकरियों और कर्मचारियों पर पुलिस कार्रवाई करने की मांग की गई है. दरअसल एसएनडीएल की ओर से नागरिकों को मनमाना बिल भेजा जा रहा है. जिस परिवार को 3 हजार रुपए का बिल आता था. उन्हें अब 9 हजार रुपए का बिल भेजा जा रहा है. महालक्ष्मी नगर निवासी एक वृद्ध महिला को भी 8 हजार रुपए का बिल भेजा गया है. ऐसे में महिला इस उलझन में पड़ गई है कि वह बिल चुकाए या परिवार की जिम्मेदारियों को निभाए. ऐसा सिर्फ एक ही नहीं बल्कि सैड़कों लोगों को कम्पनी मनमाना बिल भेज रही है.
कंपनी की इस अवैध वसूली पर रोक लगे इस मांग को रखते हुए प्रवीण राऊत ने बताया कि सत्यशोधन समीती ने पेश किये रिपोर्ट में साफ लिखा है कि कम्पनी के पास किसी भी तरह से मीटर टेस्टिंग के लिए कोई टीम मौजूद नहीं है. बावजूद इसके नागरिकों से 150 रूपए प्रति बिल वसूले जा रहे हैं. राउत ने जानकारी देते हुए कहा कि सत्यशोधन समिति राज्य सरकार की ओर से स्थापित की गई थी. जिसमें से डाक्यूमेंट्स समेत 121 शिकायतें सिर्फ नागपुर शहर सुधार समिति की ओर से सत्यशोधन समिति को दी गई थी. जिसमें समिति के आर.बी. गोयंका और समिति अध्यक्ष अधिवक्ता गौरी चंद्रयान ने भी एसएनडीएल के खिलाफ आए शिकायतों की जांच की थी. जिसमें एसएनडीएल को गलत पाया गया था. लेकिन बावजूद इसके कंपनी की कार्यप्रणाली में कोई सुधार नहीं हो पाया है. कंपनी को आदेश था कि केवल खराब मीटर ही बदले जाएं. लेकिन कंपनी ने सभी नागरिकों के मीटर जबरन बदले. कंपनी ने राज्य विघुत नियामक आयोग के आदेश को बिलकुल नहीं माना.
बिजली बिल के बारे में राऊत ने जानकारी देते हुए बताया कि ईश्वर झीलपे को एक महीने का इलेक्ट्रिक का बिल 12,000 रुपए दिया गया था. एसएनडीएल कंपनी में जाकर जब समिति ने शिकायत की तो उनका संशोधित बिल 2100 रुपए किया गया. फैय्याजुल हसन को एक महीने का बिल 6 हजार रुपए दिया गया था. जिसके बाद उनका संशोधित बिल 60 रुपए किया गया. तो वहीं मोहम्मद हुसैन का बिजली बिल 92 हजार रुपए दिया गया था. इसके बाद इनका भी संशोधित बिल 24 हजार रुपए दिया गया. राउत ने बताया कि नागपुर शहर सुधार समिति (केंद्रीय ग्रामसभा ) द्वारा जितने भी बिजली बिल बढ़ाकर भेजने के मामले सामने आए उनको एसएनडीएल कंपनी ने बिजली बिल कम करके दिए. लेकिन कंपनी अभी भी साढ़े चार लाख ग्राहकों से दो गुना और चार गुना बिजली बिल वसूल कर रही है. वर्ष भर में एसएनडीएल कंपनी करीब 4 हजार करोड़ रुपए की वसूली नागरिकों से कर रही है. राऊत ने कंपनी पर कार्रवाई की मांग की है. साथ ही कार्रवाई नहीं करने पर कोर्ट में जाने की चेतावनी भी राज्य सरकार को दी है.