Published On : Fri, Sep 22nd, 2017

विपश्यना को धर्म से न जोड़ें – राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद


नागपुर: कामठी स्थित ड्रैगन पैलेस मंदिर परिसर में विपश्यना केंद्र का उद्घाटन राष्ट्रपति रामनाथ कोविन्द के हाथों शुक्रवार को सम्पन्न हुआ. इस अवसर पर महाराष्ट्र के राज्यपाल विद्यासागर राव, मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस, केंद्रीय मंत्री नितिन गडकरी, सामाजिक न्याय मंत्री राजकुमार बड़ोले, पालकमंत्री चंद्रशेखर बावनकुले और पूर्व राज्यमंत्री सुलेखा कुंभारे प्रमुख रूप से मौजूद थीं.

इस दौरान पहली बार नागपुर दौरे पर आए महामहिम ने कहा कि महाराष्ट्र अध्यात्म की धरती है. यहां आना मेरे लिए सौभाग्य की बात है. उन्हें दीक्षाभूमि में नमन करने का अवसर मिला है उसके पीछे भगवान बुद्ध का ही आशिर्वाद है. उन्होंने कहा कि विपश्यना आज पूरे विश्व में लोकप्रिय है. विपश्यना का अर्थ बताते हुए महामहिम ने कहा कि विपश्यना का अर्थ ”ठीक से देखना ” होता है. विपश्यना करने से हम अपने शरीर को जानते हैं. विपश्यना से वह मिलता है जो दवाइयों से मिलता है. उन्होंने बताया कि वे 26 साल पहले विपश्यना से जुड़े थे. उन्होंने सभी को संबोधित करते हुए कहा कि विपशनया को किसी भी धर्म से न जोड़ें.

इस दौरान मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस ने कहा कि ड्रैगन पैलेस नागपुर के साथ ही दुनिया के लिए आकर्षण का केंद्र है. नागपुर को जो पहचान मिली है वह दीक्षाभूमि और ड्रैगन पैलेस से मिली है. अब कामठी में ड्रैगन पैलेस के साथ ही विपश्यना केंद्र और स्किल डेवलपमेंट भी बन रहा है जो एक बड़ी बात है. उन्होंने इसके लिए सुलेखा कुंभारे को धन्यवाद् दिया.

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केंद्रीय मंत्री नितिन गडकरी ने इस मौके पर कहा कि भगवान बुद्ध प्रातःस्मरणीय है. इसके निर्माण के लिए सुलेखा कुंभारे ने अपना जीवन समर्पित किया है. उन्होंने कहा कि दीक्षाभूमि और ड्रैगन पैलेस देश के वैशेविक स्थल है. गडकरी ने कहा कि अंतरराष्ट्रीय श्रद्धालु कामठी के ड्रैगन पैलेस और विपश्यना केंद्र तक आसानी से पहुंचे इसके लिए मेट्रो को ऑटोमोटिव चौक तक न चलाते हुए मेट्रो को कामठी कन्हान तक चलाने पर विचार किया जा रहा है.

इस खास मौके पर विपशना केंद्र की अध्यक्षा और पूर्व मंत्री सुलेखा कुंभारे ने कहा कि उनका सपना था कि इस परिसर में विपश्यना केंद्र की शुरुआत हो. सत्यनारायण गोएंका के कारण ही उन्हें ऊर्जा मिली है. इसके लिए नितिन गड़करी और मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस ने काफी मदद की. उन्होंने बताया कि दक्षिण भारत के 300 कारगीरों ने बेहतरीन 83 फीट का पैगोडा तैयार किया है. उन्होंने कहा कि इसके लिए थाईलैंड से गोल्डन पेंट भी मंगवाया गया था.

इस कार्यक्रम में आभार प्रदर्शन मंत्री राजकुमार बड़ोले ने किया. कार्यक्रम में सैकड़ों की तादाद में बौद्ध भिक्षु भी मौजूद थे. इस कार्यक्रम में हजारों की तादाद में नागरिकों ने हिस्सा लिया.

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