नागपुर: पूर्व नागपुर के कुंभार टोली चौक से दानागंज चौक और शास्त्री नगर चौक से सतनामी नगर चौक तक निर्मित सीमेंट सड़क में अनियमितता से आए दिन दुर्घटनाएं हो रही हैं. इस सन्दर्भ में सम्बंधित प्रभाग के नगरसेवकों से शिकायतें भी की गई लेकिन उनके कानों पर जूं तक नहीं रेंगने से मनपा प्रशासन मदमस्त है. प्रशासन ने उक्त सड़क निर्माता को पूर्ण भुगतान कर दिया और ठेकेदार ने भी सभी संबंधितों को उनके लाभांश भी वितरित कर दिए जाने से वे भी बिंदास हो गए हैं.
सत्ताधारी नेता व केंद्रीय मंत्री नितिन गडकरी डामर सड़क निर्माण व नियमित मरम्मत कार्य में भ्रस्टाचार और उस भ्रस्टाचार में नगरसेवकों के शामिल होने का आरोप लगाते रहे. वहीं भ्रस्टाचार को ख़त्म करने के लिए सीमेंट सड़क निर्माण से सालाना आर्थिक नुकसान से बचने की सिफारिश करते रहे. पिछले ३ साल से सीमेंट सड़क का निर्माण शहर में शुरू हुआ. जबकि शहर के एक भी ठेकेदार को सीमेंट सड़क निर्माण का अनुभव न रहने के बावजूद लगभग सभी इच्छुकों को सीमेंट निर्माण का ठेका दिया गया. सीमेंट सड़क निर्माण घटिया स्तर का होने से कुछ माह से पालकमंत्री, तज्ञ, वकीलों व मनपा पदाधिकारियों ने अपनी आवाज बुलंद की. खानापूर्ति के लिए जांच समिति गठित की गई, लेकिन निष्कर्ष कुछ नहीं निकला.
कुंभार टोली चौक से दानागंज चौक और शास्त्री नगर चौक से सतनामी नगर चौक तक सीमेंट सड़क निर्माण का कार्यादेश पूर्व स्थाई समिति व स्थानीय प्रभाग क्रमांक २५ के भाजपा नगरसेवक बाल्या बोरकर के कार्यकाल में जारी किया गया था. उक्त सीमेंट सड़क की राशि से सम्पूर्ण पूर्व नागपुर में स्थानीय विधायक कृष्णा खोपड़े के सलाह से सीमेंट सड़क का निर्माण करने का निर्देश मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस ने दिया था. लेकिन खोपड़े व बोरकर में सार्वजानिक तनातनी के कारण बोरकर ने अपने अधिकार का फायदा उठाते हुए अपने घर के आगे और पीछे के मार्ग को सीमेंट सड़क में परिवर्तित करने का कार्यादेश जारी किया. उक्त कार्यादेश नौ हिस्से का होने के साथ ही एक ही ठेकेदार कंपनी को ठेका तय रणनीति के अनुसार दिया गया.
आज जब ठेकेदार को आधे-अधूरे सीमेंट सड़क के निर्माण के एवज में मनपा प्रशासन ने पूर्ण भुगतान कर दिया तो बोरकर की आँख खुली. उक्त ठेकेदार ने दोनों ओर की सड़कों को पूरा नहीं किया,जगह जगह चेंबर आने से खुला या गड्ढा छोड़ दिया. सड़क की ऊंचाई बढ़ने से किनारे का हिस्सा नीचे हो गया है, जिसे मिलाया नहीं गया है. सड़कों के दोनों ओर ऊंचा-निचा हो गया है. इन दोनों नवनिर्मित सड़कों से जुड़ने वाली गली-मोहल्ले की सड़कों को जोड़े नहीं जाने से आए दिन दुर्घटनाओं को आमंत्रण मिल रहा है. बोरकर ने ठेकेदार सह सम्बंधित कार्यकारी अभियंता को उक्त जानकारियां दीं लेकिन किसी के कानों पर जूं तक नहीं रेंगी.
उधर इसी प्रभाग के एनसीपी नगरसेवक दुनेश्वर पेठे ने कहा कि उक्त अनियमितता की जानकारी सम्बंधित क्षेत्र के वार्ड अधिकारी को देंगे. सीमेंट सड़कों को आंतरिक सड़कों से नहीं मिलाया गया. मिट्टी डालकर उतार बना दिया गया. जबकि अलाइन्मेंट मिलाना चाहिए था.
उल्लेखनीय यह है कि उक्त सड़क के निर्माणकार्य की स्वतंत्र जांच समिति द्वारा तकनीकी व निविदा शर्तों के हिसाब से जांच हो,अन्यथा दुर्घटनाओं की संख्या में इजाफा होता रहेगा. इस मांग की नज़रन्दाजगी से दो-एक वर्षों में सीमेंट सड़कों में पुनः मरम्मत की निविदा जारी करने की नौबत आ सकती है.