नागपुर: विदर्भ में कीटनाशक दवाईयों के छिड़काव की वजह से हुई मौत की जाँच की माँग बीजेपी सांसद नाना पटोले ने की है। इस संबंध में पटोले ने लोकसभा अध्यक्षा सुमित्रा महाजन को पत्र लिखकर सर्वदलीय समिति का गठन कर इस मामले की जाँच किये जाने की अपील की है। नागपुर टुडे से बात करते हुए करते हुए नाना पटोले ने बताया की विदर्भ के कई हिस्सों में फसलों पर किये गए कीटनाशक दवाइयों के छिड़काव से हुई मौतों का मामला भोपाल गैस कांड जैसा है। देश में कीटनाशक दवाईयों के व्यापार में बड़ी मात्रा में विदेशी कंपनियां शामिल है। यह कंपनियों किस तरह की दवाईयों की बिक्री कर रही है इसका खुलासा होना चाहिए। संसदीय समिति में सभी दलों के प्रतिनिधि और तकनीकी लोग शामिल हो जिससे की इस मामले की हकीकत सामने आ सके।
इसी मामले में राज्य सरकार को भी आड़े हाँथो लेते हुए नाना पटोले ने अपनी ही सरकार और मुख्यमंत्री पर नाराजगी व्यक्त की। उनके मुताबिक किसान लगातार मर रहे थे लेकिन किसी ने उनकी सुध नहीं ली। जब मामले ने तूल पकड़ा तो मुख्यमंत्री ने यवतमाल का दौरा कर जाँच का ऐलान किया। यह एक तरह से खानापूर्ति जैसा है ऐसी कंपनियों पर सीधे कार्रवाई होनी चाहिए। उनके मुताबिक विदेशी कंपनियां हमारे लोगों की जान ले यह वो बर्दाश्त नहीं कर सकते।
अपनी ही सरकार को लपेटने में वह इतने में ही नहीं रुके उन्होंने कहाँ सरकार जनता को भ्रमित कर रही है। जब राज्य के किसानों का सात-बारा ऑनलाइन है तो उसे कर्जमाफी के लिए लाईन में क्यूँ खड़ा किया जा रहा है। अगर ऐसा है किसी भी किसान की जानकारी सीधे सरकार के पास है बैंक से लिया गया कर्ज वह आसानी ने पता लगा सकती है और उसका लाभ सीधे उसके एकाउंट में ऑनलाइन हस्तांतरित किया जा सकता है।
अगर सच कहना विरोध है तो मैं अपनी ही सरकार का विरोधी हूँ
बीते कुछ दिनों से अपनी ही पार्टी की नीतियों के आलोचक बने नाना पटोले की छवि बग़ावती से ज्यादा अपनी ही पार्टी के विरोधक के रूप में चुकी है। इस पर उनका भी मानना है कि उनकी बातो से कुछ नेताओं को तकलीफ होती है। इस पर उन्होंने ही सवाल दागते हुए कहाँ की, जनता के प्रतिनिधि का काम क्या होना चाहिए ? ऐसा सवाल वह उनसे नाराज़ चल रहे नेताओं से ही पूछते हुए कहते है। वह सच कह रहे है अगर सच बोलना विरोध है तो मुझे विरोधी बनने में कोई दिक़्क़त नहीं। वह जनता के मुद्दे किसी से छुपा कर नहीं खुले रूप में कहते है। राज्य के ऊर्जा मंत्री कहते है की राज्य के पास सरप्लस बिजली है अगर ऐसा ही है तो किसानो को सिर्फ 8 घंटे बिजली क्यूँ दी जा रही है। अब क्या मै यह भी सवाल न उठाऊ की अगर अधिक बिजली है तो कहाँ है।
नोटबंदी, जीएसटी ने जनता को परेशान किया है वह उनकी बात कह रहे है और आगे भी कहेंगे। नाना पटोले ने कभी पार्टी के दिग्गज नेताओं में शुमार रहे पूर्व वित्तमंत्री के अलावा अन्य नेताओं के साथ एक एनजीओ बनाया है यह एनजीओ जनता के बीच जाकर नोटबंदी,जीएसटी के दुष्प्रभाव को बताने का काम कर रही है।