नागपुर: नागपुर शहर में ‘आप’ के बैनर तले सक्रीय कार्यकर्ताओं ने कल जम्मू आनंद के नेतृत्व में जिला प्रशासन से मुलाकात कर उन्हें निवेदन सौंप मुख्यमंत्री व शिक्षा सह खेल मंत्री से मांग की कि राज्य में खेल व सांस्कृतिक गतिविधियों को बढ़ावा देने के लिए राज्य सरकार ने सभी जिलों में करोड़ों खर्च कर क्रीड़ा संकुलों का निर्माण किया. इस क्रम में नागपुर में भी संकुल निर्मित किया गया. नागपुर सहित राज्य के सभी क्रीड़ा संकुल के व्यवस्थापन व देखभाल के लिए सरकारी मदद न मिलने से राज्य का प्रतिनिधित्व करने वाले अंतर्राष्ट्रीय दर्जे के खिलाड़ियों के पैदा होने की संभावनाएं कमजोर पड़ने लगी हैं. इसलिए इस स्थिति से उबरने के लिए राज्य के सभी क्रीड़ा संकुल के व्यवस्थापन व देखभाल की जवाबदारी राज्य सरकार अपने हाथों में ले.
जम्मू आनंद के अनुसार मानकापुर में ६५ एकड़ में क्रीड़ा संकुल है, लेकिन अल्प अवधि में यह परिसर को क्रीड़ा से ज्यादा गैर क्रीड़ा कार्यक्रमों के आयोजन स्थल के लिए जाना जाने लगा है. आए दिन राजकीय सभा-समारोह, ढोंगी बाबाओं के प्रवचनों, पेरोल पर छूटे आर्थिक ठगों के भाषणबाजी के कार्यक्रमों को संकुल प्रबंधन तरजीह देने लगा है. इससे खिलाड़ियों में रोष पनप रहा है. वहीं सरकार भी संकुल के मामले में अपने उद्देश्यों से भटक गई है. राज्य सरकार ने अपने ३ वर्ष के कार्यकाल में खेल-खिलाड़ी प्रतियोगिता मामले में जितने भी बयानबाजी की, सारी की सारी बेमानी साबित हुईं. नतीजा यह हुआ कि राज्य का प्रतिनिधित्व करने वाले अंतर्राष्ट्रीय दर्जे के खिलाड़ियों के पैदा होने की संभावनाएं कमजोर पड़ने लगी हैं.
आश्चर्य की बात यह हैं कि संकुल के निर्माण पर करोड़ों खर्च कर उसके व्यवस्थापन व देखभाल की जिम्मेदारी राज्य सरकार ने झटक कर,वएक संस्था निर्मित कर उसे सौंप दिया।वइस संस्था में सभी शासकीय अधिकारियों की नियुक्ति कर दी गई है. इस संस्था/समिति में ३ आईएएस व १ आईपीएस अधिकारी का समावेश है। इस संस्था के अध्यक्ष विभागीय आयुक्त नियुक्त हैं. इतने दिग्गज अधिकारियों के नेतृत्व में इस क्रीड़ा संकुल में आए दिन गैर क्रीड़ा व्यावसायिक कार्यक्रमों का आयोजन होना चिंता जनक है.
आनंद ने सरकार की नीतियों पर हैरानी प्रकट करते हुए कहा कि जो सरकार विकास के नाम पर अनावश्यक प्रकल्प व परियोजनाओं पर करोड़ों में सरकारी खजाना पानी की तरह बहा रही है वही सरकार राज्य के खेल-खिलाडी के उत्थान व विकास के लिए सालाना चंद करोड़ रुपए खर्च करने के मामले में उदासीन दिखाई दे रही है. उनके नीयत में खोट की बू आ रही है. इस नीति का आम आदमी पार्टी, नागपुर शहर ने तीव्र विरोध किया है. खेल-खिलाडियों के हित में ‘आप’ की जायज मांग को नज़र अंदाज करने पर हमें मजबूरन न्यायालय में गुहार लगानी पड़ सकती हैं.