नागपुर: चाइना रेल कॉर्पोरेशन अपना कारखाना नागपुर में स्थापित करे या फिर न करे इसका सीधा असर मेट्रो परियोजना पर नहीं पड़ने वाला। माझी मेट्रो के संचालन के लिए आवश्यक डिब्बे चाइना से ही पहुँचने वाले है। महाराष्ट्र सरकार के साथ हुए करार के अनुसार चाइना रेल कॉर्पोरेशन ने नागपुर में अपने कारखाना निर्माण का सामंजस्य करार किया है। इस कारखाने के निर्माण हो लेकर अभी भी स्थिति साफ नहीं है इसलिए मेट्रो परियोजना पर पड़ने वाले असर को लेकर चर्चायें हो रही है लेकिन महा मेट्रो के प्रबंधन ने साफ किया है की इस क़रार से उनका कोई लेने देना नहीं है। कारखाने के निर्माण का मसला राज्य सरकार और उसके इंड्रस्टियल विभाग का है।
माझी( नागपुर) मेट्रो के व्यवस्थापकीय महाप्रबंधक अनिल कोकाटे ने जानकारी देते हुए बताया कि चाइना रेल कॉर्पोरेशन के साथ हुए क़रार में यह स्पस्ट है की आवश्यक 69 मेट्रो ट्रेन के ड़िब्बे चाइना से ही नागपुर लाये जाएंगे। शहर भर में 39 किलोमीटर में परियोजना के तहत रूट निर्माण का कार्य शुरू है। इस रूट के विस्तार की प्लानिंग भी इस दिनों चल रही है। मौजूदा करार के अनुसार 23 ट्रेन ट्रैक पर दौड़ेगी। माझी मेट्रो के अनुसार 23 डिब्बों का पहला कंसाइनमेंट अप्रैल-जून 2018 के दौरान नागपुर पहुँच जाएगा।
फ़िलहाल एयरपोर्ट साऊथ से लेकर खापरी के दरमियान ऐडग्रेड सेक्शन के लगभग 5 किलोमीटर रूट पर ट्रॉयल रन की प्रक्रिया शुरू है। हैदरबाद मेट्रो से लीज़ पर मंगाये गए डिब्बों से यह काम शुरू है लेकिन मेट्रो प्रबंधन के अनुसार भविष्य में आवश्यकता पड़ने पर माझी मेट्रो के लिए इन डिब्बों को ख़रीदा भी जा सकता है।
क़रार सरकार का फ़जीहत मेट्रो की
देश में व्यापार की संभावनाओं को देखते हुए चाइना रेल कॉर्पोरेशन ने अपने कारख़ाने के निर्माण का क़रार भले ही राज्य सरकार के साथ करार किया हो लेकिन इसका खमियाजा माझी मेट्रो को भी भुगतना पड़ा। चीन के साथ कटु रिश्तों को देखते हुए कुछ सामाजिक संगठनों ने कारखाने के निर्माण पर आपत्ति दर्ज कराई। डोकलाम विवाद के समय तो बाकायदा प्रदर्शन भी किया गया। मेट्रो के निर्माण कार्य के दौरान कारखाने के निर्माण को लोगो ने सीधे शहर की परियोजना से जोड़ देखा।