150 सीटों का लक्ष्य पूरा हुआ तो ज्योति को महाराष्ट्र का राज्यपाल या केन्द्र में मंत्री पदः
राजनीतिकों व अफसरों के बीच चर्चा है कि गुजरात विधानसभा चुनाव में भाजपा का 150 सीटों का लक्ष्य पूरा हुआ , उसे 150 सीटें मिलीं तो जनवरी 2018 में 65 वर्ष के( जन्म 23 जनवरी 1953) हो जाने के कारण मुख्यचुनाव आयुक्त पद से मुक्त हो रहे अचल कुमार ज्योति को महाराष्ट्र का राज्यपाल या केन्द्र में मंत्री बनाया जा सकता है।
यदि केन्द्र में मंत्री बनाया जायेगा तो उनको 6 माह में राज्य सभा का सांसद बनाना होगा। फिलहाल देखिए गुजरात विधानसभा चुनाव में ईवीएम से भाजपा की कितनी सीटें निकलती हैं।
गुजरात वि.स. चुनाव भारत का सबसे खर्चिला चुनावः
राजनीतिक , आर्थिक व व्यावसायिक क्षेत्र के लोगों के बीच चर्चा है कि गुजरात विधान सभा चुनाव भारत के अब तक के इतिहास में अघोषित रूप से सबसे खर्चिला चुनाव है।जिसमें नोटबंदी व सत्ता में नहीं रहने के कारण विपक्ष लगभग कंगाल है,जबकि नोटबंदी करने वाला, सत्ताधारी पक्ष सत्ता तंत्र व हर तरह के संसाधन, साम-दाम-दंड-भेद से मालामाल है।
कुछ लोगों का कहना है कि जो पार्टी व उसके सुप्रीमो बड़े नेता, भारी खर्च व तामझाम में भीड़ जुटवाकर , हवाई जहाज के दौरे वाली बड़ी – बड़ी ताबड़तोड़ रैली, सभा कर रहे हैं , उसका प्रति सीट अघोषित खर्च लगभग 5 से 10करोड़ रू . हो रहा है । इस हिसाब से इस समय जो राजनीतिक पार्टी सत्ता व संसाधन में सबपर पर घोषित व अघोषित रूप से भारी है, उसका राज्य की 182 सीटों पर लगभग 1500 करोड़ रूपये खर्च होने का अनुमान है।और इसमें 90 प्रतिशत से ज्यादे खर्च काला ( ब्लैक में) हो रहा है। इस खर्च , संसाधन,प्रचार ,दुष्प्रचार ,प्रोपगंडा की आंधी में बाकी पार्टियां हवा-हवाई हैं। क्यों गुजरात विधानसभा चुनाव इतना महत्वपूर्ण व खर्चिला हो गया है, इस पर किसकी साख जबसे ज्यादे दाव पर लगी है , इसके बारे में तरह-तरह की बातें हो रही हैं।
… कृष्णमोहन सिंह