नागपुर: कई न्यायलयों द्वारा अंतरिम जमानत से इंकार किए जाने के बाद भारी राजनैतिक दबाव के कारण शनिवार सुबह को भाजपा नेता व कामगार कल्याण मंडल के अध्यक्ष मुन्ना यादव के बेटों करण व अर्जुन यादव ने धंतोली पुलिस स्टेशन में आत्मसमर्पण कर दिया. करण और अर्जुन के साथ उनके कई समर्थक भी धंतोली पुलिस स्टेशन के सामने जमा हो गए थे. जिससे अंदाजा लगाया जा सकता है कि दोनों का आत्मसमर्पण करना पूर्ण नियोजित था.
याद रहे कि अपने पडोसी व रिश्तेदार मंगल यादव के परिजनों पर हमला करने के आरोप में मुन्ना यादव, बाला यादव, लक्ष्मी यादव, करण अर्जुन पर धारा 307 के तहत मामला दर्ज किया गया था. दिवाली के समय हुई इस घटना के साथ ही 307 के तहत मामला दर्ज होते ही पूरा यादव परिवार फरार हो गया था. लक्ष्मी यादव को अंतरिम जमानत मिली हुई है. लेकिन मुन्ना यादव की इस मामले में पुलिस को तलाश है. बेटों के आत्मसमर्पण करने के बाद अब मुन्ना यादव किसी भी समय आत्मसमर्पण कर सकता है. मुन्ना यादव का यह मामला इस बार के विधानभवन के शीतसत्र में भी काफी गूंजा था. जिसपर मुख्यमंत्री को भी बयान देना पड़ा था.
उल्लेखनीय है की इस मामले में मंगल यादव की भी पुलिस को तलाश है. मंगल यादव भी दूध का धुला हुआ नहीं है. कॅश वैन लूटने के मामले में उसे गिरफ्तार भी किया गया था. उसके खिलाफ अन्य मामले भी दर्ज है. मुन्ना यादव भाजपा पार्टी से सम्बंधित होने के कारण विपक्षी पार्टियों के नेताओ ने बवाल मचाया था. हालांकि मुन्ना के खिलाफ कोई भी गंभीर किस्म का मामला दर्ज नहीं है.लेकिन उसे इस कदर निरूपति करने की कोशिश की गयी मानो वह कोई बेहद शातिर अपराधी है. मुन्ना व मंगल आपस में रिश्तेदार है और दोनों परिवारों के बिच कई बार झगड़े होने की भी जानकारी है.