नागपुर: मनपा प्रशासन द्वारा संपत्ति कर में वृद्धि से अमूमन सभी नियमित करदाता सकते में आ गए थे। इस वजह से मनपा को उम्मीद के अनुरूप कर की राशि नहीं मिल पा रही थी। इससे सकते में आए सत्तापक्ष ने पिछले वर्ष के आखिरी माह के अंत में विशेष सभा लेकर कर प्रणाली में सुधार किया। इस हिसाब से आम करदाताओं जिनके संपत्ति में पूर्व की तरह आज भी उतना ही निर्माणकार्य रहने पर उन्हें दोगुणा कर भरने और किरायेदार होने पर भी इतना ही कर देने का निर्णय लिया गया। वहीं जिस संपत्ति में व्यावसायिक उपक्रम के लिए किरायेदार हैं, उनसे ढाई गुणा कर संकलन का निर्णय लिया गया। उक्त जानकारी मंगलवार को स्थाई समिति अध्यक्ष संदीप जाधव और कार समिति के सभापति अविनाश ठाकरे ने दी। ठाकरे के अनुसार जिन संपत्तियों को पहली मर्तबा कर के दायरे में पंजीकृत किया गया, उन्हें पिछले 5 वर्ष का बकाया कर देना होगा।
कर विभाग की खामियों की वजह से मची हड़कंप की वजह बताते हुए ठाकरे ने बताया कि कर विभाग के कर्मचारी टारगेट पूरा करने के चक्कर में 5000 से नीचे की राशि वाले कर दाताओं पर ध्यान नहीं देते। इस वजह से कर विभाग का बकाया करोड़ों में पहुंच गया हैं। इससे निपटने के लिए शीघ्र ही बकायेदारों को पेश नोटिस सप्ताह भर के भीतर थमाई जाएंगी। जिन्हें अगले 3 दिनों में अपना पक्ष रखने का मौका दिया जाएगा। करदाताओं तक पहुंचने के लिए विभाग के कर्मी क्षेत्र में तैनात सफाई कर्मी की मदद लेंगे। कर भरने के इच्छुक कमजोर ग्राहकों को किश्तों में कर अदा करने का मौका दिया जाएगा।
अब तक वर्ष 2016-17 के 1.39 लाख करदाताओं को डिमांड भेजा गया। इनमें से आक्षेप लेने के साथ सभी के डिमांड की त्रुटियों को सुधार लिया गया। अब तक साइबरटेक ने 383541 घरों का ही सर्वे रिपोर्ट कर विभाग के सुपुर्द किया है। शेष संपत्तियों का नए सिरे से अंकेक्षण होना शेष है। जल्द ही कर विभाग के प्रस्ताव के बाद उनका भी अंकेक्षण किया जाएगा। 21 जनवरी तक कर विभाग को 124.58 करोड़ संपत्ति कर से प्राप्त हुए हैं, जो पिछले वर्ष की तुलना में 4.48 करोड़ ज्यादा है।