Published On : Mon, Jan 29th, 2018

गोंदिया लोस उपचुनाव: प्रवीण दटके हो सकते हैं भाजपा प्रत्याशी

Mayor Pravin Datke

Mayor Pravin Datke (File Pic)

 

नागपुर: गोंदिया-भंडारा लोकसभा के भाजपाई सांसद के बागी तेवर के बाद सांसद पद से नाना पटोले ने इस्तीफा दे दिया। रिक्त हुई सीट के लिए जल्द ही उपचुनाव होने वाला है। इस चुनाव में भाजपा नेतृत्व पुनः एक बार नागपुर के भाजपा उम्मीदवार को गोंदिया-भंडारा से उतार सकती है। साथ ही इस सीट पर उम्मीदवारी के लिए पूर्व महापौर प्रवीण दटके का नाम आगे आने के संकेत मिल रहे हैं।

गत दिनों प्रदेश के मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस ने गोंदिया-भंडारा लोकसभा उपचुनाव के संबंध में भाजपा विधायकों और पदाधिकारियों की बैठक ली। बैठक के दौरान संकेत यह भी मिले कि भाजपा एनसीपी नेता प्रफ्फुल पटेल को उपचुनाव में उम्मीदवार बना सकती है।इससे नाराज भाजपा नेताओं ने बाहर के उम्मीदवार को उतारने का एक सुर में विरोध किया था। वहीं दूसरी ओर गोंदिया-भंडारा में लोकसभा चुनाव लड़ानेऔर मजबूत विपक्षी उम्मीदवारों का सामना करने में सक्षम उम्मीदवार न होने का भी मलाल भाजपा को रहा है। क्योंकि यह उपचुनाव भाजपा के लिए इज्जत की लड़ाई साबित होनेवाली है। इसलिए मुख्यमंत्री ने नागपुर जिले के पालकमंत्री को भंडारा जिले का पालकमंत्री तय रणनीति के तहत नियुक्त किया। इस क्रम को आगे बढ़ाते हुए यह भी संभावना जताई जा रही है कि नागपुर में भाजपा की वेटिंग लिस्ट में अग्रणी प्रवीण दटके को भाजपा उम्मीदवार बनाकर पूर्ण ताकत झोंक सकती है।

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वैसे भी नागपुर में ओबीसी समुदाय के दटके को राजनीत में पदोन्नती देने में भाजपा को काफी दिक्कतें आ रही है। जब वे महापौर थे तब पहली बार विधानसभा चुनाव लड़ने का मौका भाजपा नेता की समझाइस पर गंवा चुके, फिर जब स्थानीय स्वराज संस्था से एमएलसी का चुनाव आया तो फिर उनका नम्बर कट गया। अगले वर्ष लोकसभा के साथ विधानसभा चुनाव होने वाले हैं। इस चुनाव में हलबा समाज बहुल मध्य नागपुर से उम्मीदवारी मुश्किल दिख रही है, क्योंकि भाजपा ने भी हलबा समाज की एक भी मांग पूरी नहीं की है। इससे हलबा समाज काफी नाराज चल रहे हैं। ऐसे में मध्य नागपुर से वर्तमान विधायक विकास कुंभारे जो हलबा समाज से हैं, उन्हें घर बिठा कर दटके को उम्मीदवारी देने की जुर्रत नहीं कर सकता है।

यूं तो भाजपा ने लगातार उपेक्षित किए जा रहे युवा भाजपाईयों को भाजपा की युवा इकाई का राष्ट्रीय उपाध्यक्ष बनाकर राजनीत में सक्रिय कर रखा है। कई राज्य के प्रभारी भी हैं। इसके अलावा नागपुर मनपा में सत्तापक्ष का अघोषित नेतृत्व संभाल रहे हैं। प्रत्येक प्रशासकीय कामकाज में प्रमुखता से उपस्थित रहते हैं।

उल्लेखनीय यह है कि भाजपा रणनीत के तहत गोंदिया-भंडारा में सब कुछ अनुकूल रहा तो निश्चित ही दटके के उम्मीदवारी पर गंभीरता से विचार किया जा सकता है। इसके पूर्व स्थानीय स्वराज संस्था से एमएलसी के चुनाव में नागपुर के युवा नेतृत्व परिणय फुके को भाजपा उम्मीदवार बनाकर बड़ी जीत हासिल कर चुके हैं। इसी ताक़त को पुनः इस्तेमाल कर भाजपा फिर नागपुरी युवा भाजपाई को लोकसभा उपचुनाव में उतार बड़ा दांव खेल सकती है। दूसरी ओर गोंदिया-भंडारा के भाजपा नेताओं का कहना है कि भाजपा दटके को उतार कर एनसीपी उम्मीदवार प्रफ्फुल पटेल का मार्ग साफ करने के साथ ही साथ दोहरी चाल खेलने के मूड में है। पटेल हारा तो भाजपा के खाते में सीट दोबारा आ सकती है। कहा यह भी जा रहा है कि पटेल पर भाजपा इसलिए मेहरबान है क्योंकि गुजरात विधानसभा में उन्होंने पुनः सत्ता दिलवाने में बड़ी जिम्मेदारी निभाई थी।

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