नागपुर: एनसीईआरटी ( राष्ट्रीय शैक्षिक अनुसंधान और प्रशिक्षण परिषद ) का करिकुलम कम करने के लिए एचआरडी मिनिस्ट्री अब एक्सपर्ट्स ही नहीं, पैरंट्स से भी सुझाव लेगी. सभी सुझावों के आधार पर करिकुलम कम किया जाएगा. इससे बच्चों को किताबों के अलावा भी वक्त मिल पाएगा और वे एक्स्ट्रा करिकुलर ऐक्टिविटीज में भी फोकस कर सकेंगे. केंद्रीय मानव संसाधन विकास मंत्री प्रकाश जावडेकर ने कहा कि इसी सप्ताह मंत्रालय की वेबसाइट पर एक ऑप्शन दिया जाएगा जिसके जरिए टीचर, एक्सपर्ट, एनजीओ, पैरंट्स सहित सभी स्टेक होल्डर करिकुलम कम करने को लेकर अपने सुझाव देंगे. उस आधार पर मौजूदा करिकुलम को कम किया जाएगा .
जावडेकर ने कहा कि हमने देशभर में क्वॉलिटी एजुकेशन पर 6 वर्कशॉप की थीं, जिसमें एजुकेशन फील्ड में काम कर रहे 200 से ज्यादा एनजीओ शामिल हुए हैं. एक्सपर्ट्स के साथ ही राज्य सरकारों के प्रतिनिधि और एजुकेशन में इनोवेशन करने वाले टीचर्स भी इसका हिस्सा थे. इसमें यह सामने आया कि शिक्षा का मकसद अच्छे नागरिक और अच्छे इंसान बनाना होना चाहिए. उसके लिए फिजिकल एज्युकेशन, वैल्यू एजुकेशन के साथ ही लाइफ स्किल एजुकेशन की भी जरूरत है, जो अभी नदारद है . अभी करिकुलम इतना ज्यादा है कि बच्चों के पास टाइम ही नहीं बचता. वे बस परीक्षा देने वाले छात्र बन गए हैं. इसलिए तय किया गया है कि करिकुलम में बदाव कर इसे घटाया जाए.