नागपुर: नागपुर में शुरू हुई राष्ट्रीय स्वयं सेवक संघ की अखिल भारतीय प्रतिनिधि सभा की बैठक में सुरेश भैय्याजी जोशी को एक बार फिर से सर्वसम्मति से सरकार्यवाह चुन लिया गया है, उनका कार्यकाल 3 वर्षों का होगा। सुरेश भैयाजी जोशी 2009 में प्रतिनिधिसभा से ही चुनकर आए थे। यह चौथी बार है जब भैयाजी जोशी इस पद पर चुने गए हैं। बता दें कि सरकार्यवाह आरएसएस में संघ प्रमुख (सरसंघचालक) के बाद दूसरा सबसे बड़ा स्थान है।
संघ भाजपा की मातृ संस्था है और इस नाते वहां होने बदलावों को भाजपा की कार्यशैली और नेतृत्व से जोड़कर देखा जाता रहा है। भैयाजी के बाद दत्तात्रेय होसबोले तीसरे सबसे वरिष्ठ पदाधिकारी हैं। वैसे यह तय माना जा रहा है कि संघ में बदलाव हुआ तो विहिप जैसे दूसरे संगठनों में भी बदलाव होगा।
माननीय श्री सुरेश ( भैय्याजी ) जोशी आगामी 3 वर्ष (2018-2021) के लिए #RSS सरकार्यवाह पुनर्निर्वाचित हुए। यह चुनाव नागपुर के अखिल भारतीय प्रतिनिधि सभा में हुआ। #RSSABPS pic.twitter.com/vwzAAaGASg
— RSS (@RSSorg) March 10, 2018
इससे पहले शुक्रवार तक कयास लगाए जा रहे थे कि नागपुर में शुरू हुई राष्ट्रीय स्वयं सेवक संघ की अखिल भारतीय प्रतिनिधि सभा की बैठक में कुछ बदलाव हो सकते हैं। चुप्पी के बावजूद यह माना जा रहा था कि संघ के कामकाज को देखने वाले शीर्ष नेतृत्व सरकार्यवाह के पद पर नया चेहरा होगा। और नए चेहरे के रूप में सह सरकार्यवाह दत्तात्रेय होजबले को देखा जा रहा था।
नागपुर के हेडगेवार स्मारक समिति में शुक्रवार को शुरू हुई इस बैठक का उद्घाटन सरसंघचालक मोहन भागवत ने किया था। भैयाजी जोशी ने इस बैठक से पहले अपनी वार्षिक रिपोर्ट पेश की थी। अपने रिपोर्ट में उन्होंने हाल ही में देश के अलग-अलग हिस्सों में प्रतिमाएं तोड़े जाने की घटनाओं की निंदा करते हुए कहा था कि समाज में आंतरिक संघर्ष सभी के लिए चिंता का विषय है। ऐसी घटनाए बिल्कुल ही निंदनीय हैं।