नई दिल्ली: यूपी में उपचुनाव के नतीजे क्या आए सपा और बसपा का सियासी साथ मजबूत होने लगा है। सूबे में एक दूसरे के धुर विरोधी सपा और बसपा मोदी लहर को रोकने के लिए पहले ही साथ आ गए थे। राज्यसभा और विधानपरिषद चुनाव में सांठगांठ तो हुई ही है, साथ ही बसपा ने उपचुनाव में सपा का साथ दिया। चुनावी नतीजे आते ही साफ हो गया की ये साथ लोगों को पसंद भी आया है। अखिलेश और मायावती यूं तो एक दूसरे के राजनीतिक विरोधी हैं लेकिन उपचुनाव के इन नतीजों ने दोनों को पास ला दिया। अखिलेश खुद गुलस्ता लेकर मायावती से मिलने उनके आवास मॉल रोड पहुंचे।
आज के नतीजे क्रांतिकारी व ऐतिहासिक हैं. ये बाँटने की नकारात्मक राजनीति करने वालों को एकजुट जनता का जवाब है और 2019 की ‘महाजीत’ का आग़ाज़ है. ये जीत पूरे देश में गूंजकर सरकार से त्रस्त किसान-मजदूर, कारोबारियों, बेराेज़गारों, महिलाओं और मध्यवर्ग को बदलाव के नये उत्साह से भर देगी.
— Akhilesh Yadav (@yadavakhilesh) March 14, 2018
उपचुनाव के नतीजों के बाद समाजवादी पार्टी अध्यक्ष अखिलेश यादव ने कहा, ‘मैं दोनों लोकसभा क्षेत्र की जनता का धन्यवाद देना चाहता हूं। सबसे पहले बसपा प्रमुख मायावती जी का भी धन्यवाद देता हूं। उनकी पार्टी के समर्थन के कारण ही इन चुनावों में जीत हासिल हुई है। उनके अलावा जितनी भी पार्टियों ने समर्थन किया है, उनका भी शुक्रिया करता हूं।’
अखिलेश ने कहा कि मुख्यमंत्री का क्षेत्र जो कभी नहीं हारा हो और उपमुख्यमंत्री के क्षेत्र की जनता में ही इतनी नाराजगी है तो बड़े चुनावों में क्या होगा। जीएसटी और नोटबंदी ने कारोबार छीन लिया। पिछले कुछ समय में जो कानून-संविधान की धज्जियां उड़ाई गई हैं उनका ही जवाब मिला है।
यहां अखिलेश और मायावती के बीच 45 मिनट तक बातचीत चली। अभी ये तो पता नहीं चला है कि दोनों के बीच में क्या बातचीत हुई लेकिन जैसे पहले ये बात सामने आ रही थी कि सपा-बसपा का गठजोड़ सिर्फ उपचुनाव तक ही सीमित रहेगा, इस पर अभी कुछ भी कहना जल्दबाजी होगी। क्योंकि उपचुनाव के नतीजों के बाद जिस तरह अखिलेश मायावती से मिले हैं। आने वाले महाचुनाव यानी लोकसभा 2019 के लिए ये साथ और मजबूत हो सकता है।
याद दिला दें कि 1993 में भाजपा के राम मंदिर लहर को रोकने के लिए भी सपा-बसपा साथ आए थे। तब मुलायम सिंह और कांशीराम ने मंडल कमीशन का फायदा उठाते हुए राम लहर को रोक दिया था। तो एक बार फिर यूपी की दो बड़ी पार्टियां एक साथ आकर भाजपा के विजय रथ को रोकने का भरोसा दिखा रही हैं। जिस तरह से देश में तीसरे मोर्चे की हवा है उसमें ये उम्मीद की जा सकती है कि ये दोनों पार्टियां मिलकर एक बड़ा धड़ा अपने साथ ले लें।
बता दें कि फूलपुर में सपा प्रत्याशी नागेंद्र पटेल ने बीजेपी के कौशलेंद्र पटेल को 59613 वोटों से हरा दिया। फूलपुर यूपी के उपमुख्यमंत्री केशव प्रसाद मौर्य की सीट थी। वहीं गोरखपुर में भी बीजेपी उम्मीदवार उपेंद्र शुक्ल को हार पचानी पड़ी। यहां सपा के प्रवीण निषाद ने जीत दर्ज की, गोरखपुर में बीजेपी उम्मीदवार उपेंद्र शुक्ल को 21,881 वोटों से हार झेलनी पड़ी है।