Published On : Thu, Mar 29th, 2018

रामजी: योगी सरकार के फैसले पर बीजेपी नेताओं के बीच आपसी मतभेद

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नई दिल्ली: बाबा साहब डा. भीमराव आंबेडकर के नाम में ‘रामजी’ शब्द जोड़े जाने के योगी सरकार के फैसले पर बीजेपी नेताओं के बीच आपसी मतभेद दिखाई दे रहा है। बीजेपी सांसद उदित राज ने कहा कि मुझे ऐसा कोई खास कारण नजर नहीं आ रहा जिसकी वजह से बाबा साहब के नाम में बदलाव किया गया।

उन्होंने कहा कि यह एक व्यक्ति की निजी स्वतंत्रता है कि वह कैसे खुद को परिचित करवाना चाहता है। इस मामले में विवाद पैदा करना गैरजरूरी है। इस मामले में दलित समुदाय ने अपनी नाराजगी व्यक्त की है। आपको बता दें कि योगी सरकार के आदेश के मुताबिक उत्तर प्रदेश के सभी राजकीय अभिलेखों में अब बाबा साहब डा. भीमराव आंबेडकर का नाम डॉ. भीमराव रामजी आंबेडकर लिखा जाएगा।

यूपी सरकार के प्रवक्ता सिद्धार्थनाथ सिंह ने कहा कि बाबा साहेब का सही नाम लिए जाने पर इतनी आपत्ति क्यों? भारतीय संविधान का हवाला देते हुए उन्होंने कहा कि बाबा साहेब के नाम में ‘रामजी’ का भी उल्लेख है।

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सामान्य प्रशासन विभाग के प्रमुख सचिव जितेंद्र कुमार ने बताया था कि राज्यपाल राम नाईक ने सरकार को संविधान की आठवीं अनुसूची की मूल प्रति के संलग्नक की छाया प्रति भेजी थी जिसमें बाबा साहब ने अपने हस्ताक्षर करते हुए डॉ. भीमराव रामजी आंबेडकर लिखा है।

राज्यपाल ने सरकार का ध्यान आकृष्ट कराते हुए कहा था कि बाबा साहब का नाम गलत लिखा जा रहा है। इसे सही किया जाए। इसके बाद शासनादेश जारी करके सरकारी अभिलेखों में उनका नाम डॉ. भीम रामजी आंबेडकर लिखने के निर्देश दिए गए हैं।

गौरतलब है कि आगरा स्थित डॉ. भीमराव अंबेडकर विश्वविद्यालय के नाम में अंबेडकर की जगह आंबेडकर लिखने के निर्देश पहले ही जारी किए जा चुके हैं।

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