नागपुर: देश विरोधी गतिविधियों में शामिल रहने के चलते आजीवन कैद की सजा भुगत रहे नक्सली आंदोलन में मास्टर माइंड प्रो जी एन साईबाबा की पत्नी ने ईलाज के दौरान पति के साथ रहने की इजाजद माँगी है। साईबाबा की पत्नी वसंता ने मुंबई उच्च न्यायालय की नागपुर खंडपीठ में याचिका दाखिल कर उसे ईलाज के दौरान पति के साथ रहने की आज्ञा दिए जाने की माँग की है। मंगलवार को इस याचिका पर सुनवाई के दौरान अदालत ने याचिकाकर्ता की इस माँग पर एक हफ्ते के भीतर सरकार को अपना रुख स्पष्ट करने को कहाँ है।
अपनी याचिका में वसंती ने दलील की है की साईबाबा 90 प्रतिशत दिव्यांग है ऐसे में आवश्यकता पड़ने पर उसका ईलाज किया जाता है। इसलिए उसे उसके साथ रहने की इजाज़त दी जाये। इसी याचिका पर मंगलवार को सुनवाई करते हुए उच्च न्यायालय की दोहरी पीठ के न्यायाधीश भूषण गवई और मुरलीधर गिरटकर ने सात दिनों के भीतर जवाब देने को सरकार से कहाँ है।
7 मार्च 2017 को गडचिरोली जिला सत्र न्यायालय ने साईबाबा और उसके साथियो को देश के विरोध में षड़यण्त्र रचने, और इस काम में लगे संगठनो की मदत करने के आरोप में उम्रकैद की सजा सुनाई थी। इस फैसले के खिलाफ साईंबाबा ने उच्च न्यायालय में याचिका दाखिल की है। साईबाबा ने उसकी याचिका पर अंतिम निर्णय होने तक सजा में रोक और जमानत की अर्जी दाखिल की है। इसी अर्जी में वसंता ने अपनी अर्जी को जोड़ा है। इस मामले में याचिकाकर्ता की तरफ से एड सुरेंद्र गडलिंग और सरकार की तरफ से एड प्रशांतकुमार सत्यनाथन ने पैरवी की।