नागपुर: बेसा स्थित पोद्दार स्कूल में हुए हादसे में कई बच्चो की जान बाल-बाल बच गई। इस हादसे को लेकर स्कूल ने हादसे के लिए ड्राईवर को दोषी ठहराया है। जबकि हादसे की खबर पाकर घटनास्थल पर पहुँचे पालकमंत्री का आकलन कहता है अगर स्कूल ने सर्विस रोड बनाया गया होता तो हादसे की संभावना को काफ़ी हद तक टाला जा सकता है। पालकमंत्री ने बाकायदा स्कूल की प्रिंसिपल को अपने हाँथो से सर्विस रोड कैसा होना चाहिए उसका मैप बनाकर दिया। पालकमंत्री के आदेश पर जल्द अमल कर लिए जाने की बात स्कूल की प्रिंसिपल जीनत सैय्यद ने कही है। इस घटना के बाद इस रोड पर रहने वाले लोगो ने रोड की चौड़ाई को नाराजगी जाहिर की है। प्राप्त जानकारी के अनुसार इस मार्ग के आसपास आने वाले गाँव के कई सरपंचो ने प्रशाषन से मार्ग को चौड़ा करने का कई बार निवेदन दिया जिस पर अमल नहीं हुआ।
पोद्दार स्कूल में हुए हादसे में घायल बच्चो का ईलाज करने वाले डॉक्टर डॉ सुधीर आधाव के अनुसार बीते 16 वर्षो से वो इसी इलाके में प्रैक्टिस कर रहे है और उनके अस्पताल में आये दिन इसी सड़क में दुर्घटना के शिकार लोग आते रहते है। डॉ सुधीर की बेटी खुद पोद्दार स्कूल में ही पढ़ती है उसके मुताबिक उन्हें अक्सर डर रहता है की कही वो ही दुर्घटना का शिकार न हो जाए। स्थानीय निवासियों की तरह डॉ सुधीर भी मौजूदा मार्ग को ही होने वाली दुर्घटनाओं के लिए जिम्मेदार मानते है।
बेसा मार्ग पर बीते कुछ समय के दौरान कई रिहायशी और व्यावसयिक ईमारतो का निर्माण कार्य हुआ है। कुछ वर्ष में यहाँ रहने वालो की संख्या में भारी वृद्धि भी हुई है। इसी मार्ग पर पांच बड़े स्कूल भी है जहाँ लगभग पांच हजार बच्चे पढ़ते है। जबकि इस्तेमाल में लाया जाने वाला मार्ग काफी पुराना हो चुका है। इतना ही नहीं मार्ग के दोनों तरफ कई जगहों पर कई कामों के लिए गड्ढे खोदे गए है। जिससे ट्रैफिक व्यवस्था अक्सर लड़खड़ा जाती है। स्थानीय लोगो के अनुसार मार्ग पर ट्रैफिक का भार बढ़ा है जबकि उसे सुचारु रखने के लिए मार्ग पर कोई विशेष प्रावधान नहीं किया गया। पालकमंत्री ने अपने आकलन के बाद नियमों को तोड़ने वाली स्कूलों को कार्रवाई किये जाने की चेतावनी भी दी है। पालकमंत्री के अनुसार बेसा रोड की कई स्कूल एमएमआरडीए रीजन में आती है। नियम के मुताबिक पब्लिक सर्विस देने वाली संस्थाओ के निर्माणकार्य के लिए सर्विस रोड देना अनिवार्य है। सर्विस रोड तैयार किये बिना निर्माणकार्य किया ही नहीं जा सकता बावजूद इसके ईलाके की 90 फीसदी स्कूलों ने सर्विस रोड नहीं बनाई है।
मामला पालकमंत्री के संज्ञान में आने के बाद अब एमएमआरडीए अधिकारी ईलाके के स्कूलों का सर्वे करने वाली है। कई अभिभावकों ने पोद्दार स्कूल के निर्माणकार्य की इजाजत दिए जाने को लेकर लापरवाही बरते जाने की जानकारी पालकमंत्री को दी। जिसके बाद उन्होंने स्थानीय सभी स्कूलों की जाँच का आदेश जारी किया है।