नागपुर: आजादी के बाद हिंदुस्तान के दो टुकड़े हुए, भारत औऱ पाकिस्तान जिसमे सिंधी,पंजाबी, बंगाली, इत्यादि जो कि हिन्दू थे भारत मे बसाये गए. पंजाबी, बंगालियों को राज्य में हक़ मिला. सिंधीयो को पूरे देश में यहाँ वहां बसाया गया, खुद्दार सिंधीयो को जो अपनी चल अचल संपति छोड़ आए थे. उन्हें रहने के लिए छोटे छोटे जमीन के टुकड़ो पर बसाया गया, बंटवारे का मंजर याद कर आज भी ये समाज सहम जाता है.
किसी का लिखा ये शेर याद आता है, नजर में है जलते मकानों का मंजर, चमकते है जुगनू तो दिल कांपता है. ऐसे सहमे हुए सिंधी समाज को 1947 से कई सरकारे आयी और इन्हे केवल आश्वासन ही मिलता रहा. सिंधी नेताओं ने काफी संघर्ष किया. सिंधीयो के क्लेम से पैसे काट कर छोटी छोटी बस्तियों में बसाया गया और उन प्लॉट के मलिकी हक के लिए लालफीताशाही ने आफिसों के काफी चक्र लगाते लगाते तीन* *पीढ़िया गुजर गई. तब कहीं जाकर महाराष्ट्र के लाडले मुख्य्मंत्री देवेंद्र फडणवीस की सरकार ने 24 अप्रैल को सिंधीयो को प्लॉटों के मलिकी हक प्रदान करने की घोषणा की. इस एक लाइन से सिंधीयो के हर घर में ख़ुशी की लहर दौड़ पड़ी है.
सिंधी समाज के लोगो ने आशा की है कि 2019 के चुनाव के पहले बिना किसी बोझ के प्लॉटों के मालकी हक उन्हें प्रदान किए जाएंगे. महाराष्ट्र के सिंधी समाज के लिए 24 अप्रैल एक ऐतिहासिक दिन माना जायेगा. महाराष्ट्र सिंधी समाज फडनवीस सरकार को हमेशा याद करेगी. खामला पूज्य सिंधी पंचायत अध्यक्ष नारायण आहूजा, विनोद जेठानी, मोहन चावला, मोहन चोइथानी, मनोज (बब्बू) परसवानी, विनोद चावला, अनिल गजरानी, रमेश नाथानी, रमेश धनवानी, संजू करमचंदनी, नारायण खत्री, नंदलाल, मिना कोडवानी,पंजूमल हैमनानी, दयाल भग्या, मीना गाजरानी, लता भाग्या, प्रताब लालवानी, आसुदानी, राजू गंगवानी, आहूजा, काका टहल राम शम्भवनी, समेत करीब 100 लोगो ने अपने चहेते मुख्यमंत्री देवन्द्रजी का होटल प्राईड में तहे दिल से हार्दिक अभिनंदन किया .