नागपुर: नागपुर मेट्रो का काम शहर भर में तेजी से शुरू है। शहर के चारो भागों में ट्रेक बिछाने का काम शुरू है इसी के साथ शुरू है स्टेशन के निर्माण का कार्य लेकिन इस निर्माणकार्य को लेकर चौकाने वाली जानकारी सामने आयी है। नागपुर मेट्रो का लगभग 95 फ़ीसदी हिस्सा एलोवेटेड है यानि सड़क के ऊपर से मेट्रो दौड़ने वाली है। एलोवेटेड रूट को बनाने के साथ स्टेशन का निर्माणकार्य प्रोजेक्ट की गति को बढ़ता है इसलिए ऐसा काम नागपुर में भी शुरू है। लेकिन चौकाने वाली बात है की मेट्रो स्टेशनों के निर्माणकार्य से पहले एनएमआरसीएल ( नागपुर मेट्रो रेल कॉर्पोरेशन द्वारा ) फ़ायर सेफ्टी को लेकर एनओसी हासिल नहीं की है। सेंट्रल एवन्यू रोड के साथ ऑटोमोटिव मार्ग रूट पर शहर के भीतर दर्जनों स्टेशनों का निर्माणकार्य इन दिनों शुरू है।
रेलवे या एयरपोर्ट की ही तरह मेट्रो रेल प्रोजेक्ट विशेष अथॉरिटी के मातहत कार्य करता है ऐसी जगहों पर इनका संचालन करने वाली अथॉरिटी का नियम लागू होता है। फ़ायर सेफ्टी को लेकर अथॉरिटी के अपने नियम है। नियम कहता है की अगर ऐसे प्रोजेक्ट का संचालन करने वाली संस्था फ़ायर सेफ्टी को लेकिन खुद का इंतजाम करती है तो उसे लोकल अथॉरिटी (उदहारण के लिए नागपुर मेट्रो के लिए नागपुर महानगर पालिका के फ़ायर विभाग से एनओसी लेने की आवश्यकता नहीं है ) मगर यह तभी संभव हो सकता है जब मेट्रो इसके लिए खुद अपने तंत्र को विकसित करले।
लेकिन प्राप्त जानकारी के अनुसार एनएमआरसीएल ने अब तक ऐसे किसी भी आतंरिक तंत्र को विकसित नहीं किया है। नागपुर मेट्रो के एक वरिष्ठ अधिकारी ने यह जानकारी दी की नागपुर मेट्रो प्रोजेक्ट के अंतर्गत मुंजे चौक पर बनाने जा रहे टर्मिनल स्टेशन के ही साथ एलोवेटेड रूट के ही साथ स्टेशनों के निर्माण का काम भी शुरू है। तो क्या यह माना जाये की मेट्रो का एक बार फिर नियमों को धता बताते हुए निर्माण कार्य कर रही है ? नियमों को अनदेखा कर दिए जाने का यह पहला मामला नहीं है इससे पहले अंबाझरी तालाब किनारे बिना इजाज़त निर्माण किये जाने का मामला सामने है।
प्राप्त पुख्ता जानकारी के तहत नागपुर मेट्रो फॉयर सेफ़्टी से जुडी एनओसी के लिया स्थानीय विकास संस्था से ही मदत लेने की ज़्यादा इच्छुक दिखाई दे रही है। नागपुर मेट्रो द्वारा अपने एडग्रेड सेक्शन के तहत आने वाले तीन स्टेशनों खापरी,न्यू एयरपोर्ट और एयरपोर्ट साऊथ के लिए स्थानीय फ़ायर सेफ्टी एजेंसी से ही एनओसी ली है। यह तीनो स्टेशन मिहान फ़ायर ऑफिस के अंदर आते है और इन तीनो स्टेशनों के लिए बाकायदा एनओसी प्राप्त भी की गई है।
महाराष्ट्र फ़ायर सेफ़्टी एक्ट में स्पस्ट प्रावधान है की फ़ायर से जुडी एनओसी हासिल करने के लिए निर्माणाधीन ईमारत के नक़्शे को जमा करना होता है। नक़्शे के डिजाईन में ही फ़ायर सेफ़्टी से जुडी शर्तो को पूरा किये जाने के बाद एनओसी जारी होती है। ऐसे में क्या ये माना जाये की नागपुर मेट्रो द्वारा शुरू स्टेशनों का निर्माणकार्य अवैध है।
इस संबंध में नागपुर महानगर पालिका के मुख्य फ़ायर ऑफिसर राजेंद्र उचके से पूछने पर उन्होंने जानकारी दी की मेट्रो द्वारा फ़ायर एनओसी को लेकर किसी भी तरह का आवेदन नहीं किया गया है। उचके ने बताया की मेट्रो की कंसल्टेंट कंपनी के प्रतिनिधियों ने जरूर एनओसी हासिल करने के विषय मनपा मुख्यालय में स्थित फ़ायर दफ़्तर से पूछताछ की है।