नागपुर : नागपुर जिला परिषद बांधकाम विभाग के 10 कर्मचारियों के बिना अनुमति एक कांट्रेक्टर के साथ बैंकाक टूर पर जाने के मामले में तत्कालीन मुख्य कार्यकरी अधिकारी कादम्बरी बलकवड़े ने निलंबन की कार्रवाई की थी. उनकी कार्रवाई के खिलाफ कर्मचारियों ने उच्च न्यायलय में याचिका दायर की थी. हाईकोर्ट ने निलंबन पर स्टे देते हुए जिप प्रशासन से 8 जून को अपना जवाब देने का निर्देश दिया था. जिप प्रशासन ने अदालत को बताया कि 20 कर्मचारियों ने एक साथ छुट्टी का आवेदन देकर विदेश यात्रा की. इस संदर्भ में विभागीय जांच में 10 कर्मचारियों ने समाधानकारण स्पष्टीकरण नहीं दिया. पैसे के संदर्भ में स्पष्टीकरण नहीं दिया. टिकिट भी सादर नहीं किया.
इतना ही नहीं धार्मिक यात्रा, बीमारी, शादी जैसे झूठे कारण आवेदन में बताकर जिप प्रशासन की दिशाभूल की और ठेकेदार के साथ विदेश यात्रा की. किसी भी ठेकेदार से गिफ्ट या टूर का आमंत्रण स्वीकार करना नियम का उल्लंघन है. इसलिए विभागीय जांच की गई और बीते महीने 10 को निलंबित किया गया. जिप प्रशासन की ओर से वकील ने अदालत को बताया कि निलंबन की कार्रवाई नियमों के अनुसार ही की गई है.
सुनवाई के दौरान जिप प्रशासन का पक्ष सुनने के बाद अदालत ने अगली सुनवाई 22 जून को रखने का आदेश दिया है. बताते चलें कि निलंबन आदेश के खिलाफ 10 कर्मचारियों ने हाईकोर्ट की शरण ली थी. इन 10 कर्मचारियों के निलंबन की अधिकृत घोषणा बांधकाम विभाग की कार्यकारी अभियंता नीता ठाकरे ने जिप की आमसभा में सीईओ कादम्बरी बलकवड़े के निर्देश पर किया था.
जिप पदाधिकारियों ने कर्मचारियों के निलंबन वापस लेने का दबाव सीईओ पर बनाया था लेकिन बलकवड़े अपनी भूमिका पर अडिग रहीं, जिसके चलते कर्मचारियों ने हाईकोर्ट में याचिका दाखिल की. अब इस मामले की अगली सुनवाई 22 जून को होगी.