Published On : Thu, Jun 14th, 2018

कृषिमंत्री के बस की नहीं किसानों की समस्या सुलझाना,सीएम संभाले विभाग-अनिल देशमुख

Advertisement

नागपुर: पूर्व मंत्री अनिल देशमुख का मानना है की राज्य सरकार की विविध घोषणाओं और दावों के बावजूद किसान को राहत नहीं मिल पा रही है। किसान परेशान है और समय पर कृषिकर्ज न मिल पाने की वजह से मुश्किल और अधिक बढ़ गई है। जब वो मंत्री थे उन्होंने कर्ज न उपलब्ध कराकर देने वाली बैंकों पर एफआईआर दर्ज़ करने का आदेश दिया था।

इस आदेश की वजह से बैंकों में भय था जिस वजह से किसानों को कर्ज मिल जाता था। बुआई के लिए पैसे की कमी के चलते किसान बैंकों के चक्कर लगाने को मजबूर है जबकि ख़ुद मुंबई उच्च न्यायालय की नागपुर खंडपीठ ने 31 मई तक किसानों को कर्ज देने का आदेश दिया था।

Advertisement
Today's Rate
Wed 18 Dec. 2024
Gold 24 KT 76,900/-
Gold 22 KT 71,500/-
Silver / Kg 89,900/-
Platinum 44,000/-
Recommended rate for Nagpur sarafa Making charges minimum 13% and above

नए कृषि मंत्री के बस का नहीं किसानों की समस्या सुलझा पाना

देशमुख का ये भी कहना है की वर्त्तमान में कृषि मंत्री चंद्रकांत दादा पाटिल के बस में नहीं है की वो किसानों की समस्या सुलझा सके। इसलिए बेहतर होगा की ख़ुद मुख्यमंत्री इस विभाग की जिम्मेदारी संभाले। पाटिल का सबंध गन्ने के उत्पादन क्षेत्र से रहा है ऐसे में सोयाबीन और कपास उत्पादक किसान की समस्या सुलझा लेना उनके बस का नहीं। तत्कालीन दिवंगत कृषि मंत्री पांडुरंग फुंडकर ने नागपुर के किसानों की समस्या सुलझाने का वादा किया था उस पर काम भी शुरू हुआ लेकिन अब भी स्थिति जस की तस ही है।

नागपुर जिले में 58286 किसान कर्जमाफी के लिए पात्र हैं। इनमें से कई किसान फसल कर्ज से वंचित हैं। जिले में खरीफ सत्र के लिए 1066 करोड़ का लक्ष्य रखा गया है। उनमें से 13783 किसानों को 183 करोड 88 लाख रुपये वितरित किया गया है। लक्ष्य की तुलना में बैंकों ने काफी कम कर्ज वितरित किया है।

कर्जमाफी के ऐलान के बाद भी इसका फ़ायदा किसानों को नहीं
अनिल देशमुख के मुताबिक कर्जमाफी का ऐलान किये हुए 11 महीने का समय बीत चुका है। लेकिन इसका फ़ायदा किसानों को नहीं हुआ। ऐसा शर्तो की वजह से हुआ है। 80 प्रमाणपत्र इस योजना के तहत माँगे गए है और अभी नहीं शर्तों को थोपना जारी ही है।

Advertisement