Published On : Mon, Sep 10th, 2018

अवैध सागौन कटाई से वन विभाग को 25 करोड़ की चपत

नागपुर: पेड़ कटाई पर पाबंदी होने के बावजूद पिछले सवा पांच साल में नागपुर समेत राज्य में सागौन के 2 लाख 34 हजार 216 पेड गैरकानूनी तरीके से काट दिए गए। इससे वन विभाग को 25 करोड़ 95 लाख 27 हजार रुपए का नुकसान हुआ है। जंगलों की रक्षा के लिए वन विभाग की भारी भरकम फौज तैनात होने के बावजूद इतने बड़े स्तर पर सागौन पेड़ों की कटाई होने का चौंकाने वाला खुलासा RTI में हुआ है।

उल्लेखनीय है कि पर्यावरण की रक्षा के लिए वन जरूरी है आैर इसकी देखभाल व रक्षा के लिए सरकार की तरफ से हरसंभव कदम उठाए जाते हैं। पर्यावरण को हानि न हो, इसलिए सागौन समेत सभी प्रकार के पेड़ों की कटाई पर पाबंदी है। अगर कोई पेड़ काटना जरूरी ही है, तो उसका कारण बताना आवश्यक है आैर वन विभाग की अनुमति के बाद ही वन क्षेत्र का पेड़ काटा जा सकता है। वनों की रक्षा के लिए वन विभाग के जवान तैनात रहते हैं। इस पर वन अधिकारी की निगरानी होती है। राज्य के कुल जंगल का 75 फीसदी हिस्सा नागपुर समेत विदर्भ में है। नागपुर व विदर्भ की पहचान वन क्षेत्र के रूप में है।

Gold Rate
Saturday 01 Feb. 2025
Gold 24 KT 82,700 /-
Gold 22 KT 76,900 /-
Silver / Kg 94,100 /-
Platinum 44,000/-
Recommended rate for Nagpur sarafa Making charges minimum 13% and above

RTI में खुलासा हुआ कि 1 जनवरी 2013 से 31 मार्च 2018 (सवा पांच साल) तक सागौन के 2 लाख 34 हजार 216 पेडों की गैरकानूनी तरीके से कटाई हुई आैर इससे विभाग को 25 करोड़ 95 लाख 27 हजार का नुकसान हुआ। इसी तरह इस दौरान कुल 5 लाख 61 हजार 410 पेडों की गैरकानूनी तरीके से कटाई हुई आैर 34 करोड़ 56 लाख 85 हजार का नुकसान विभाग को हुआ। वन क्षेत्र वन विभाग की सुरक्षा में होने के बावजूद इतने बड़े पैमाने पर वनों की कटाई चिंता की बात है। सागौन पेड़ बचाने व सागौन के जंगल ज्यादा से ज्यादा तैयार करने के लिए सरकार जीतोड़ कोशिश करते रहती है। इतने बड़े पैमाने पर गैरकानूनी तरीके से पेड़ों की कटाई होना विभाग की कार्यप्रणाली पर सवाल खड़े करती है। पेड़ो को काटने का सिलसिला निरंतर चल रहा है।

RTI एक्टिविस्ट अभय कोलारकर का कहना है कि जंगलों से पेडों की कटाई होना चिंताजनक है आैर वन विभाग अपनी जिम्मेदारी से पल्ला नहीं झाड़ सकता। सागौन के साथ ही अन्य प्रजाति के पेड़ों की भी हत्या हुई है। वन विभाग नजर रखने व दोषियों को पकड़ने में नाकाफी साबित हो रहा है। सरकार ने जिम्मेदारी

Advertisement